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Tuesday 13 October 2015

संस्कृति राज्यमंत्री श्री पटवा ने किषोर कुमार की समाधि पर किये श्रृद्धासुमन अर्पित

संस्कृति राज्यमंत्री श्री पटवा ने किषोर कुमार की समाधि पर किये श्रृद्धासुमन अर्पित




 खण्डवा 13 अक्टूबर,2015 - मध्य प्रदेष शासन के संस्कृति एवं पर्यटन विभाग राज्यमंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा ने आज क्षेत्रीय सासंद श्री नदंकुमार सिंह चौहान के साथ स्व. किषोर कुमार की समाधि पर जाकर श्रृद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर खण्डवा विधायक श्री देवेन्द्र वर्मा, मांधाता विधायक श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर, प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मनोज श्रीवास्तव, महापौर खण्डवा श्री सुभाष कोठारी, कलेक्टर डॉ. एम.के.अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक डॉ. महेन्द्र सिंह सिकरवार, भी उपस्थित थे।
श्री पटवा ने संगीत महाविद्यालय का लिया जायजा
इसके बाद पर्यटन राज्यमंत्री श्री पटवा ने आज क्षेत्रीय सासंद श्री चौहान के साथ स्थानीय संगीत एवं कला महाविद्यालय का भी भ्रमण किया तथा प्राचार्य डॉ. जैन से महाविद्यालय की गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने महाविद्यालय के एक-एक कक्ष में जाकर गायन वादन एवं नृत्य कला में प्रषिक्षण पा रहे विद्यार्थियों से चर्चा की व उनके द्वारा की जा रही गतिविधियों की जानकारी ली। इस दौरान खण्डवा विधायक श्री देवेन्द्र वर्मा, मांधाता विधायक श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर, प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मनोज श्रीवास्तव, महापौर खण्डवा श्री सुभाष कोठारी, कलेक्टर डॉ. एम.के.अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक डॉ. महेन्द्र सिंह सिकरवार, भी उपस्थित थे। 
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जैन ने इस अवसर पर मंत्री श्री पटवा को बताया कि संगीत एवं ललित कला महाविद्यालय के भवन के निर्माण के लिए सर्किट हाउस के पास कुल साढ़े सात एकड़ भूमि आरक्षित की जा चुकी है। भवन निर्माण के लिए शासन ने 2 करोड़ रूपये स्वीकृत किए है। वर्तमान मंे यह महाविद्यालय एनव्हीडीए परिसर में संचालित हो रहा है। वर्तमान महाविद्यालय भवन के जीर्णाेद्धार के लिए विधायक निधि से ढाई लाख रूपये स्वीकृत किए जा चुके है। संगीत एवं ललित कला महाविद्यालय खण्डवा में वर्तमान में सितार वादन, हारमोनियम , तबला , बासुंरी व वायलिन वादन के षिक्षण की सुविधा उपलब्ध है। प्राचार्य ने बताया कि संगीत एवं ललित कला महाविद्यालय में संगीत में डिप्लोमा, संगीत में स्नातक, संगीत में स्नातकोत्तर, कत्थक नृत्य में षिक्षण का कोर्स संचालित है। इसके साथ ही बेचलर ऑफ फाईन ऑर्ट की डिग्री के लिए भी इस महाविद्यालय में षिक्षण सुविधा उपलब्ध है। इस महाविद्यालय में इस षिक्षण सत्र में 480 विद्यार्थियों ने प्रवेष लिया है, जो कि मध्य प्रदेष के किसी भी संगीत या ललित कला महाविद्यालय की क्षमता से अधिक है। इस वर्ष इस महाविद्यालय में 2 नए कोर्स हारमोनियम एवं बांसुरी विधा के रूप में प्रारंभ किए गए है।   

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