खरीफ फसलों की बुआई में किसान भाई इन बातों का रखे ध्यान
खण्डवा (06 जून, 2014 ) - जिले के किसान भाई इस वर्ष मानसून की भविष्यवाणी के अनुसार आगामी खरीफ फसलों की बुआई करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का विशेष ध्यान रखें। ताकि वेतन उत्पादन प्राप्त कर सकें। इस विषय में अधिक जानकारी देते हुए। उपसंचालक कृषि कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ओ.बी.चौरे ने बताया कि -
§ किसान भाई समस्त फसलों के उन्नतषील जातियों के बीजों का चयन करें।
§ समस्त फसलों के बीज जहां से भी खरीदे उसका पक्का बिल आवष्यक लेवें, बीज कि थैली उस पर लगे हुये टेग को संभाल कर रखे जिससे की यदि भविष्य में किसी भी प्रकार की फसल संबंधित समस्या होने पर उसकी जांच में सहायक होगे।
§ घरेलू अथवा बीज विक्रेताओं से खरीदे गये सोयाबीन बीजों की बोनी करने से पूर्व अंकुरण का परीक्षण करें। अंकुरण परीक्षण करने हेतु घर पर ही 100 बीज गिनकर गीले टाट में 24 घण्टे रखकर बीज अंकुरित होने पर यदि अंकुरण 70 प्रतिषत से कम है। तो बीजों की बुआई न करें।
§ खरीफ कृषि आदान (खाद, बीज, कल्चर) का भण्डारण सहकारी समितियों में किया गया है। कृषक भाई सहकारी समितियों से कृषि आदान प्राप्त कर सकतें है। इसके अतिरिक्त निजी आदान विक्रेताओं के यहां भी कृषि आदान सामग्री उपलब्ध है।
§ बीजों की बोनी ट्रायकोडर्मा 03 ग्राम या कार्बेन्डाजिम 02 ग्राम प्रति किलों की दर से बीजोपचार करें साथ ही अनुषंसित बीज दर का उपयोग कर बोनी करें।
§ यदि घर का बीज उपयोग कर रहे हो तो वह बीज सुधार कर उसकी ग्रेडिंग करें व उसका भी अंकुरण प्रतिषत की जांच उपरोक्त लिखित विधि से करें।
§ फसलों की बीज व्यवस्था के साथ ही कल्चरों की व्यवस्था कर उसका उपयोग करें।
§ भूमि में उचित नमी या पर्याप्त वर्षा होने के बाद ही बोनी करें।
§ सोयाबीन में रिज एण्ड फरों पद्धति (कूड नाली पद्धति- पंजी लगाकर) से बुआई करें जिससे कम वर्षा या अधिक वर्षा के कारण होने वाली फसल क्षति से बचा जा सकें।
§ सुक्ष्म पोषक तत्वों (जिंक सल्फेट, जिप्सम) का उपयोग कर फसलों को व्याधि से बचाव के साथ ही उत्पादन में वृद्धि करें।
क्रमांक/23/2014/912/वर्मा
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