नेषनल लोक अदालत में प्रकरणों का हुआ त्वरित निराकरण
खण्डवा 10 फरवरी, 2018 - म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार 10 फरवरी, 2018 को जिला न्यायालय खण्डवा सहित न्यायालय हरसूद एवं पुनासा में जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्री एस.एस. रघुवंषी के मार्गदर्षन एवं निर्देषन में नेषनल लोक अदालत सम्पन्न हुई। जिला न्यायालय खण्डवा में प्रातः 10ः30 बजे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, खंडवा में लोक अदालत प्रभारी एवं प्रधान न्यायाधीष कुटुम्ब न्यायालय श्री अवनीन्द्र कुमार सिंह, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री मोहन गंगराड़े, विषेष न्यायाधीष श्रीमती इंद्रा सिंह, पंचम अपर जिला सत्र न्यायाधीष श्रीमती दीपाली शर्मा, चतुर्थ अपर जिला सत्र न्यायाधीष श्री विवेक शर्मा, द्वितीय अपर जिला सत्र न्यायाधीष श्री तपेष कुमार दुबे, मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट श्री के. पी. मरकाम, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री सुषील कुमार जोषी, जिला रजिस्ट्रार श्री हेमन्त यादव, न्यायाधीष श्रीमती रेखा आर. चंद्रवंषी, श्री मनीष सिंह ठाकुर, श्री अकबर शेख, श्री कपिल वर्मा, श्री विष्वदीपक तिवारी, श्रीमती रंजीता सोलंकी, श्रीमती संगीता डाबर न्यायिक मजिस्ट्रेट, कु. पूर्णिमा कोठे, जिला अभियोजन अधिकारी श्री आर.एस. भदौरिया, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चन्द्रेष मण्डलोई, एलडीएम श्री बी.के.सिन्हा, विद्युत कंपनी के अधिकारीगण, सामाजिक कार्यकर्ता, न्यायालयीन कर्मचारीवृंद, पैरालीगल वालियंटर्स एवं पक्षकारों की उपस्थिति में जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्री रघुवंषी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर नेषनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। शुभारंभ के अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्री रघुवंषी ने कहा कि ‘‘लोक अदालत ऐसा सषक्त माध्यम है, जिससे आपसी कटुता और बुराई समाप्त हो जाती है, लोक अदालत में जहॉ दोनों पक्षों की जीत होती है और दोनों में से कोई नहीं हारता है।’’ दिनभर चली लोक अदालत में विद्युत विभाग, बैंक, नगर निगम की स्टॉलों पर पक्षकारों की राजीनामा के लिए चर्चा करने के लिए भारी भीड़ जुटी रहीं। प्रधान न्यायाधीष श्री अवनीन्द्र कुमार सिंह के कुटुम्ब न्यायालय में कई विवाहित जोड़ों में चले आ रहें पुराने विवादों में सुलह-समझौता होकर बेहद खुषनुमा माहौल में दम्पत्तियों ने एक-दूसरे को पुष्पहार पहनाकर एवं मिठाई खिलाकर विवादों को हमेषा के लिए समाप्त किया गया।
शनिवार को आयोजित लोक अदालत में कुल 19 न्यायिक खण्डपीठों द्वारा न्यायालयों में लंबित 317 प्रकरणों का राजीनामा के माध्यम से निराकरण हुआ तथा 426 प्रीलिटिगेषन प्रकरणों का निराकरण हुआ हैं। प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में बैंकों के 94 प्रकरणों में रूकी हुयी वसूली के रूप में 1664075 रू. वसूली हुयी। इसी प्रकार से मोटर दुर्घटना दावा के 13 क्लेम प्रकरणों का निराकरण होकर 2448240 रूपये के अवॉर्ड पारित हुये। विद्युत विभाग के न्यायालयों में लंबित 70 एवं प्रीलिटिगेशन के 186 कुल 256 प्रकरणों में राजीनामा होकर 2558187 रूपये की समझौता वसूली हुयी। इसी प्रकार जलकर के 143 मामले निराकृत होकर 276504 रू. की राषि वसूली हुयीं। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में कुल 743 प्रकरणों का निराकरण होकर समझौता राशि 13923626 रहीं है। नेशनल लोक अदालत में कुल 1408 लोग लाभान्वित हुयें।
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