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Monday 26 February 2018

षिविर में घिसट-घिसट कर आया भैयालाल, पैरों से चलकर अपने घर गया

सफलता की कहानी

षिविर में घिसट-घिसट कर आया भैयालाल, पैरों से चलकर अपने घर गया

खण्डवा 26 फरवरी, 2018 - विधिक सेवा प्राधिकरण गरीब व परेषान नागरिकों के लिए निःषुल्क विधिक सहायता के माध्यम से तो मद्दगार सिद्ध हो ही रहा है, अब प्राधिकरण नागरिकों को अपने पैरो पर खड़े होने में भी मदद कर रहा है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है भैयालाल जो कि गत दिनों खालवा में आयोजित वृहद विधिक सेवा षिविर में अपने घर से घिसट-घिसट कर आया था। इस षिविर में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल पर भैयालाल ने नकली पैर के लिए मदद की गुहार लगाई। सामाजिक न्याय विभाग के षिविर में उपस्थित अधिकारी ने उसके नाप का जयपुर फुट उपलब्ध करा दिया। भैयालाल जयपुर फुट नकली पैर अपने कटे हुए पैर के उपर पहनकर बहुत खुष हुआ और अपने दोनों पैरों पर चलकर अपने घर गया। 
खालवा विकासखण्ड के ग्राम भगावां निवासी भैयालाल कोरकू बताता है कि वर्ष 2005 तक सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था। खेती किसानी में मजदूरी करके वह अपने परिवार का अच्छी तरह पालन पोषण कर लेता था। एक दिन अचानक टेक्टर ट्राली पलट जाने पर उसका पैर कट गया, तभी से वो लाचार और विकलांग हो गया, अब न व खेती कर सकता था और ना ही मजदूरी। वो पिछले कई दिनों से नकली पैर के अभाव में कभी लाठी के सहारे चलकर तो कभी जमीन पर घिसटकर चलता था और अपने रोजमर्रा के काम निपटाता था। उसे जैसे ही खालवा में विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित षिविर के बारे में मालूम चला तो वो षिविर में आकर सामाजिक न्याय विभाग के स्टॉल पर पहुंच गया, जहां उसके जैसे अनेकों विकलांगजन पहले से मौजूद थे और सभी को उनकी जरूरत के मुताबिक कृत्रिम अंग व उपकरण तथा ट्राइसिकल दी जा रही थी। भैयालाल को भी उसके पैर के नाप के अनुसार जयपुर फुट मिल गया। उसकी खुषी का अब कोई ठिकाना न था।
 भैयालाल बताता है कि उसे तब बहुत अच्छा लगा जब षिविर की मुख्य अतिथि व उच्च न्यायालय की पोर्टफोलियो जज न्यायमूर्ति श्रीमती नंदिता दुबे ने निःषक्तजनों की परेषानी को देखते हुए खुद स्टेज से नीचे उतरकर आई। भैयालाल कहता है कि अब वह विकलांगजनों की तरह नहीं बल्कि एक सामान्य नागरिक की तरह रह सकेगा। पहले भैयालाल लाठी या वैसाखी के सहारे अथवा घिसटकर चलते समय अपमानित महसूस करता था, लेकिन अब अपने पैरों पर चलकर उसे बहुत अच्छा लगता है। वह कहता है कि विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा इस तरह के षिविर लगाए जाना एक सराहनीय प्रयास है, प्राधिकरण को इस तरह के आयोजन करते रहना चाहिए तथा इन षिविरों में विकलांगों को इसी तरह कृत्रिम अंग व उपकरण वितरित किये जाना चाहिए, ताकि उसके जैसे और विकलांग भी सम्मान से जीवन जी सकें।

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