निःषक्तजनों को मदद दिलाने के लिए लगेंगे स्वास्थ्य परीक्षण षिविर
खण्डवा 15 फरवरी, 2018 - स्पर्ष अभियान के अन्तर्गत चिन्हांकित वरिष्ठजनों एवं दिव्यांग व्यक्तियों का विकासखण्ड स्तर पर आयोजित विषेष षिविर में चिकित्सा परीक्षण कराया जायेगा तथा शेष रहे दिव्यांगों का निःषक्तता प्रमाण पत्र जारी किये जायेंगे। निःषक्तजनों के समग्र पुनर्वास हेतु भारत सरकार एवं मध्यप्रदेष शासन की विभिन्न कल्याणकारी हितग्राहीमूलक योजनाओं का उन्हें लाभ दिलाया जायेगा। इसके लिए सभी विकासखण्ड व नगरीय निकायो के मुख्यालयों पर निःषक्तजनों के लिए स्वास्थ्य परीक्षण षिविरों का आयोजन किया जायेगा। कलेक्टर श्री अभिषेक सिंह ने बताया कि निःषक्तजनों को विभिन्न पेंषन योजनाओ के साथ साथ कृ़ित्रम अंग सहायक उपकरणों का प्रदाय किया जायगा तथा निःषक्तजनों का यू.डी.आई.डी.कार्ड डाटाबेस अपडेट करके उन्हें षिविर दिवस में सभी लाभ दिलाये जाना है।
कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि पंधाना मंे निःषक्तजन कल्याण षिविर प्रातः 11 बजे से सायं 5 बजे के बीच आयोजित होंगे। निःषक्तजन कल्याण षिविर 22 व 23 फरवरी को, खण्डवा जनपद में 26 व 27 को, हरसूद मंे 28 फरवरी व 1 मार्च, मूंदी में 3 मार्च, छैगांवमाखन में 5 व 6 मार्च, किल्लौद में 7 व 8 मार्च, खालवा में 12 व 13 मार्च, ओंकारेष्वर शहरीय क्षेत्र में 14 मार्च, पुनासा ग्रामीण क्षेत्र में 15 व 16 मार्च तथा जिला चिकित्सालय खण्डवा में खण्डवा शहर के निःषक्तजनों के लिए 20 व 21 मार्च को ये षिविर आयोजित किए जायेंगे। इन षिविरों में केवल निःषक्तजनों का ही पंजीयन किया जायेगा। जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देष दिए गए है कि इन षिविरों में केवल उन्हीं निःषक्तजनों को लाया जाये जो निःषक्तजन प्रमाण पत्र के अभाव में पूर्व मंे किसी भी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे है, ऐसे निःषक्तजनों को षिविर में ही परीक्षण कराकर मौके पर ही निःषक्तता प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा तथा उन्हें कृत्रिम अंग व उपकरण भी वितरित किए जायें। प्रमाण पत्र के लिए मेडिकल बोर्ड की टीम मौके पर ही उपलब्ध रहेगी। निःषक्तजनों से आवेदन भरवाने के लिए षिविर स्थल पर विषेष काउन्टर बनाए जायेंगे तथा उनमें पंचायत सचिव, पटवारी, आदि कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जायेगी। अधिकारियों को निर्देष दिए गए है कि विभिन्न योजनाओं से निःषक्त हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिए षिविर स्थल पर ही खाली आवेदन पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराये जायें ताकि इनके प्रकरण मौके पर ही परीक्षण कर स्वीकृत किए जा सके। इन सभी षिविरों के लिए संबंधित एसडीएम को नोडल अधिकारी तथा जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी को सहायक नोडल अधिकारी बनाया गया।
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