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Wednesday 28 February 2018

संभाव्यतायुक्त ऋण योजना की पुस्तक का विमोचन

संभाव्यतायुक्त ऋण योजना की पुस्तक का विमोचन

खण्डवा 28 फरवरी, 2018 - “नाबार्ड ने वर्ष 2018-19 के लिए खण्डवा जिले हेतु भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में ऋण वितरण के दिशा-निर्देशों के अनुसार कृषि ऋण,  कृषि अधोसंरचना, कृषि सहायक गतिविधियों, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमियों, शिक्षा, आवास, नवीकरणीय ऊर्जा, आदि हेतु रूपये 2981 करोड़ की संभाव्यतायुक्त ऋण योजना तैयार की है । इस वर्ष के संभाव्यतायुक्त ऋण योजना का मुख्य विषय “जल संरक्षण- प्रति बूंद अधिक फसल” रखा गया है। इस संभाव्यतायुक्त ऋण योजना की पुस्तक का विमोचन बुधवार को कलेक्टर श्री अभिषेक सिंह द्वारा जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में किया गया। कलेक्टर श्री सिंह ने नाबार्ड द्वारा तैयार की गयी योजना के अनुसार ऋण वितरण करने का आह्वान सभी बैंक अधिकारियों से किया।
इस अवसर पर नाबार्ड के सहायक महाप्रबन्धक मनोज पाटील ने ऋण योजना की रुपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने प्रस्तुति के दौरान बताया कि जिले के 70 प्रतिशत किसानों के पास दो हेक्टेयर से भी कम भूमि हैं और ऐसे सीमान्त व लघु किसानों को फसल ऋण के साथ-साथ डेयरी, बकरी-पालन, मुर्गी-पालन, फलोद्यान, मत्स्यपालन आदि हेतु दीर्घावधि ऋण देने की अत्यन्त आवश्यकता है ताकि प्राकृतिक आपदा की स्थिति मंे भी खेती से हुए नुकसान की भरपाई इससे होने वाली आमदनी से पूरा कर किसान अपने घरेलू खर्चो के साथ ही बैंक की किश्त का भुगतान भी समय पर कर सकें।
कलेक्टर श्री सिंह ने बैंकों को निर्देश दिए कि कृषि क्षेत्र में पूंजीगत निवेश को बढ़ावा देने के लिए अधिक मात्रा में ऋण वितरण किया जाए ताकि किसानों की आय 2021-22 तक दुगुनी की जा सके। उन्होंने विशेष रुप से डेयरी, ड्रीप, स्प्रिंकलर, पाईपलाइन आदि घटकों में किसानों को टर्म लोन उपलब्ध करवाने हेतु बैंकों को निर्देशित किया। कलेक्टर श्री सिंह ने बैंकों के निर्देष दिए कि 24 करोड़ के 272 डेयरी प्रकरणों का निपटारा 15 मार्च 2018 तक करना सुनिष्चित किया जाए। नाबार्ड डीडीएम पाटील ने बताया कि वर्ष 2017-18 में 2710 करोड़ की योजना के विरुद्ध आगामी वर्ष 2018-19 में रु 2981 करोड़ अर्थात् 10 प्रतिषत अधिक ऋण वितरण की संभावना है। इसमें कृषि ऋण हेतु रूपये 2108 करोड़, कृषि सहायक गतिविधियों और कृषि अधोसंरचना हेतु रु 592 करोड़, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमियों हेतु रु 134 करोड़, शिक्षा व आवास हेतु रु 43 करोड़, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वयं सहायता समूह व प्रधानमंत्री जन धन योजना के लिए रु 51 करोड़ आवंटति किए गए हैं। 

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