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Tuesday 20 February 2018

पंचायत प्रतिनिधि अपने निर्वाचन क्षेत्रों में ही कर सकेंगे अनुदान राशि का उपयोग

पंचायत प्रतिनिधि अपने निर्वाचन क्षेत्रों में ही कर सकेंगे अनुदान राशि का उपयोग 

खण्डवा 20 फरवरी, 2018 -  जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों के निर्वाचित जनप्रतिनिधि अपनी अनुदान राशि का उपयोग केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र में ही अधोसंरचना विकास के कार्यों के लिये ही कर सकेंगे। इस आशय के दिशा-निर्देश सोमवार को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी कर दिये गये हैं।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी निर्देषों में कहा गया है कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सांसदों एवं विधायकों की तरह ही जनपद और जिला पंचायतों के निर्वाचित जन-प्रतिनिधियों को अनुदान राशि मुहैया करवाई जाती है। इसके तहत विकल्प पर जिला पंचायत के अध्यक्ष 25 लाख रुपये, उपाध्यक्ष 15 लाख रुपये तथा प्रत्येक निर्वाचित सदस्य 10 लाख रुपये की राशि के कार्य क्षेत्र में स्वीकृत कर सकेंगे। इसी प्रकार, जनपद पंचायत स्तर पर अध्यक्ष के विकल्प पर 12 लाख रुपये, जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष के विकल्प पर 8 लाख रुपये तथा जनपद पंचायत सदस्य के विकल्प पर 4 लाख रुपये के कार्य स्वीकृत किये जा सकते हैं।
इस राशि के सदुपयोग के लिये पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। तदनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष सम्पूर्ण जिले में, जनपद पंचायत अध्यक्ष अपने सम्पूर्ण जनपद पंचायत क्षेत्र में तथा जिला और जनपद पंचायत के सदस्य अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत अधोसंरचना विकास के कार्य स्वीकृत कर सकेंगे।
राज्य शासन द्वारा स्वीकृत किये जा सकने वाले कार्यों के अंतर्गत सीमेंट-कांक्रीट रोड एवं नाली निर्माण, रपटा या पुलिया निर्माण, शासकीय भवन की बाउण्ड्री-वॉल, शासकीय भवनों का निर्माण, जिनमें सामुदायिक भवन, शाला भवन, आँगनवाड़ी भवन, स्वास्थ्य केन्द्र, शासकीय भवनों में अतिरिक्त कक्ष का निर्माण, यात्री प्रतीक्षालय निर्माण, शमशान-कब्रिस्तान बाउण्ड्री-वॉल, ग्राम चौपाल, रंगमंच निर्माण, सार्वजनिक चबूतरे, शासकीय सम्पत्तियों के भीतर पेवर ब्लॉक, एलईडी स्ट्रीट लाइट, सामुदायिक और शासकीय भवनों में शौचालय निर्माण, स्पॉट सोर्स नल-जल योजना, भू-स्तर टंकी का निर्माण, आर.ओ. वॉटर प्लांट के लिये इस राशि का उपयोग किया जा सकेगा। लेकिन पेयजल परिवहन पर व्यय, मुरमीकरण, ग्रेवल रोड, स्टॉप-डेम या चेक-डेम निर्माण, स्वागत-द्वार, सौर-ऊर्जा लाइट और पानी का टैंकर क्रय प्रतिबंधित रहेंगे।
इन कार्यों के लिये सक्षम प्रशासकीय और तकनीकी स्वीकृति लिया जाना अनिवार्य होगा। क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में ग्राम पंचायत का ही चयन करना होगा। सहमति के आधार पर संबंधित विभाग द्वारा भी कार्य करवाया जा सकेगा। इन कार्यों का निरंतर पर्यवेक्षण भी किया जायेगा। कार्य स्वीकृति पंचायत दर्पण पोर्टल पर अपलोड करना जरूरी होगा। अनियमिता की शिकायत पर सरपंच और सचिव के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जायेगी।

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