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Friday 16 February 2018

संध्या का पक्के घर में रहने का सपना साकार हुआ

सफलता की कहानी
संध्या का पक्के घर में रहने का सपना साकार हुआ

खण्डवा 16 फरवरी, 2018 -  जब से शादी होकर संध्या घर आई तभी से रोज पति से कहती कि रहने के लिए पक्का मकान बनाओं। लेकिन पति किषोर कोरकू गरीबी के कारण चाहकर भी संध्या की ये फरमाइष पूरी नहीं कर पा रहा था।  खालवा विकासखण्ड के ग्राम खारकलां में रहने वाली संध्या ब्याहकर आई तो रहने को कच्चा घर था तथा घर में शौचालय भी नहीं था, जिससे खुले में शौच जाने में उसे बहुत परेषानी होती थी। उसके दो बच्चे भी इसी कच्ची झोपड़ी में ही पैदा हुए, देखते-देखते बड़े हो गए और स्कूल भी जाने लगे। लेकिन संध्या का शौचालय युक्त पक्के मकान में रहने का सपना पूरा नहीं हो सका। संध्या का यह सपना प्रधानमंत्री आवास योजना ने इस वर्ष पूरा कर दिया है। अब संध्या अपने लगभग डेढ़ लाख रूपये लागत के पक्के मकान में रहकर बहुत खुष है और सरकार को दिनरात दुआएं देती है। 
खण्डवा जिले के ग्राम खारकलां निवासी किषोर पिता हुकुमचंद कोरकू बचपन से गरीब घर में पैदा हुआ। पिता मजदूरी करते थे सो गरीबी के कारण ज्यादा पढ़ लिख नहीं सका और बड़ा होकर पिता के साथ मजदूरी करने जाने लगा। पिता का छोटा सा कच्चा घर था। किषोर की शादी हो गई तो घर में जगह कम पड़ने लगी तो किषोर ने भी अपनी पत्नि संध्या के साथ मजदूरी कर कच्ची झोपड़ी बना ली और वह भी अपनी पत्नि के साथ कच्चे घर में रहने लगा। संध्या जब भी किषोर से शौचालय और पक्का मकान बनाने की कहती तो किषोर बात टाल देता, क्योंकि पक्के मकान बनाने के लिए लगने वाले एक-डेढ़ लाख रूपये इकट्ठे करना उसके बस की बात नहीं थी। अपने साथियों को किषोर ने  परेषानी बताई तो दोस्तों ने उसे पंचायत जाकर पूछताछ करने की सलाह दी। पंचायत में किषोर को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की जानकारी मिली। उसने आवेदन कर दिया और कुछ ही दिनों में 1.35 लाख रूपये की मदद स्वीकृत हो गई। लगभग 15 हजार रूपये की उसने मजदूरी कर ली, जिससे लगभग डेढ़ लाख रूपये का शौचालय युक्त पक्का मकान बनकर तैयार हो गया है। किषोर बताता है कि पंचायत सचिव सुनील पटेल ने प्रधानमंत्री आवास निर्माण में उसकी काफी मदद की। किषोर अब अपनी पत्नि और कक्षा 3 व 5 में पढ़ने वाली दो बेटियांे के साथ मजे से शौचालय युक्त पक्के मकान में रह रहा है।  

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