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Friday 30 May 2014

करारोपण युक्तिसंगत और व्यवसाइयों के लिये होगा आसान वाणिज्यिक कर मंत्री श्री मलैया द्वारा विभिन्न व्यवसाय के प्रतिनिधियों से बजट-पूर्व चर्चा

करारोपण युक्तिसंगत और व्यवसाइयों के लिये होगा आसान
वाणिज्यिक कर मंत्री श्री मलैया द्वारा विभिन्न व्यवसाय के प्रतिनिधियों से बजट-पूर्व चर्चा

खण्डवा (30 मई, 2014 ) -वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री श्री जयंत मलैया ने कहा है कि करारोपण पूरी तरह युक्तिसंगत और व्यवसाइयों के लिये आसान होगा। उन्होंने कहा कि आज आम जनता की विकास संबंधी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिये अधिक राजस्व की जरूरत है। इसे पूरा करने की पूरी कोशिश की जायेगी, लेकिन इसके साथ यह भी ध्यान रखा जायेगा कि व्यवसाइयों को कठिनाई न हो। उन्होंने इसके लिये व्यवसाइयों से सहयोग की अपेक्षा की।
श्री मलैया ने आज लोहा, वó, दवा, एल्युमिनियम, परिवहन, टाइल्स, मोबाइल फोन, गैस, पर्यटन आदि से जुड़े व्यवसाइयों के प्रतिनिधियों के साथ बजट-पूर्व चर्चा में यह आश्वासन दिया। प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर श्री ए.के. राय और आयुक्त वाणिज्यिक कर श्री अमित राठौर भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इन व्यवसायों से जुड़े संगठनों के प्रदेश भर से आये प्रतिनिधियों ने अपनी करारोपण संबंधी कठिनाइयों और सुझावों से वाणिज्यिक कर मंत्री को अवगत करवाया।
टाइल्स और सेनेटरी व्यवसाय के प्रतिनिधियों ने कहा कि इन वस्तुओं पर टैक्स बहुत ज्यादा है, जिसे कम किया जाना चाहिये। मोबाइल फोन व्यवसाइयों ने सिंगल पांइट टैक्स सुविधा दिये जाने तथा प्रवेश कर और वेट में कमी लाने का आग्रह किया। परिवहन व्यवसाइयों ने कहा कि चेकिंग के नाम पर उनके वाहन बार-बार न रोके जायें और एकाधिक एजेंसियों द्वारा चेकिंग की व्यवस्था बंद की जाये। तम्बाकू व्यवसाइयों ने तम्बाकू उत्पादों पर कर कम करने की माँग की।
पर्यटन व्यवसाय से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि वर्तमान में वाइल्ड लाइफ रिसोर्ट में स्थित होटलों तथा अन्य स्थानों स्थित होटलों पर कर की दर समान है। इस विसंगति को दूर किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि उनके लॉज साल में साढ़े तीन महीने बंद रहते हैं और इस कारण उनका ओवरहेड खर्च अधिक होता है। उन्होंने विदेशी मदिरा पर कर में भी कमी की बात कही। सराफा व्यापारियों ने कहा कि कारीगरों पर कर कम किया जाना चाहिये। पुलिस द्वारा कभी-कभी चेकिंग के नाम पर की जाने वाली कार्यवाही से उत्पन्न समस्याओं पर भी उन्होंने चर्चा की। रेडीमेड व्यापारियों ने वेट कम करने की माँग की। दवा व्यापारियों ने जीवनरक्षक दवाओं को कर मुक्त करने का आग्रह किया। 
क्रमांक/142/2014/886/वर्मा

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