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Friday 23 May 2014

विभागीय भविष्य निधि के ऋणात्मक शेष के संबंध में वित्त विभाग के निर्देश

विभागीय भविष्य निधि के ऋणात्मक शेष के संबंध में वित्त विभाग के निर्देश

खण्डवा (23 मई, 2014) - विभागीय भविष्य निधि के ऋणात्मक शेष में होने वाली विसंगतियों को दूर करने के लिये वित्त विभाग ने सभी विभागाध्यक्ष, आयुक्त तथा कलेक्टरों को निर्देश जारी किये हैं।
निर्देश में कहा गया है कि विभागीय भविष्य निधि खातों के वास्तविक शेष निकाले जाकर उनकी समेकित राशि तथा शासकीय लेखों में दर्शित राशि के अंतर के बराबर की राशि का, बजट में मुख्य शीर्ष 2049 ब्याज अदायगियाँ के अंतर्गत प्रावधान करवाकर महालेखाकार को अवगत करवाया जाये, ताकि स्थानांतरण प्रविष्टि के माध्यम से ब्याज की राशि शासकीय लेखे में समेकित हो सके।
यह निर्देश दिया गया है कि बजट नियंत्रण अधिकारियों द्वारा विभागीय भविष्य निधि पर ब्याज की राशि की जानकारी प्रतिवर्ष अपने नियंत्रणाधीन आहरण एवं संवितरण अधिकारियों से प्राप्त तथा समेकित कर महालेखाकार द्वितीय, ग्वालियर को भेजा जाना सुनिश्चित किया जाये।
यह निर्देश महालेखाकार द्वारा इस बात की ओर ध्यान आकर्षित करने के बाद लिया गया कि कार्यालयाध्यक्ष तथा विभागाध्यक्षों द्वारा निर्धारित वार्षिक ब्याज की राशि की जानकारी उपलब्ध न करवाने के कारण ब्याज राशि शासकीय लेखों में विभागीय भविष्य निधि शीर्ष में स्थानांतरित नहीं हो पाती। इसके कारण विभागीय भविष्य निधि पर ब्याज व्यय का आवंटन लेप्स हो जाता है। इससे ऋणात्मक शेष दिखने लगता है।
क्रमांक: 105/2014/850/वर्मा

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