दस्तावेजों का अब स्व-प्रमाणीकरण होगा हलफनामा एवं राजपत्रित अधिकारियों से सत्यापन करवाने की व्यवस्था समाप्त
खण्डवा (22 मई, 2014) - राज्य शासन ने दस्तावेजों के स्व-प्रमाणीकरण की व्यवस्था लागू की है। आवेदक को अपने दस्तावेजों के सत्यापन के लिये राजपत्रित अधिकारी के पास जाने अथवा हलफनामा बनवाने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे आवेदकों को अब भटकना नहीं होगा और हलफनामा बनवाने में उनके धन का भी अपव्यय नहीं होगा। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है।
राज्य शासन ने सभी विभाग को भेजे परिपत्र में इस आशय के निर्देश दिये हैं कि शासन के सभी विभाग सहित स्थानीय निकायों, स्वायत्तशासी संस्थाओं अथवा शैक्षणिक संस्थाओं में आवेदन-पत्र के साथ संलग्न दस्तावेजों के सत्यापन के लिये आवेदक का स्व-प्रमाणीकरण एवं स्व-घोषणा मान्य होगी। निर्देशों में कहा गया है कि आवेदन-पत्र के साथ प्रस्तुत किये जाने वाले दस्तावेज जैसे अंक सूची, जन्म प्रमाण-पत्र, मूल निवासी एवं जाति प्रमाण-पत्र आदि आवेदक द्वारा स्व-प्रमाणित कर संलग्न किये जायेंगे। आवेदक अंतिम स्तर पर अर्थात् साक्षात्कार एवं प्रवेश के समय अपने मूल दस्तावेज प्रस्तुत करेगा जिसका मिलान एवं पुष्टि कर उसी समय उसे वापस कर दिये जायेंगे। स्व-प्रमाणन के उत्तरदायित्व के लिये आवेदक को आवेदन-पत्र के अंत में निर्धारित प्रारूप में स्व-घोषणा-पत्र प्रस्तुत करना होगा। यह व्यवस्था ऐसे मामलों पर लागू नहीं होगी जहाँ कानूनन हलफनामा प्रस्तुत करने की बाध्यता होगी।
निर्देश में यह कहा गया है यदि आवेदक द्वारा गलत दस्तावेजों का स्व-प्रमाणीकरण किया जाता है और गलत घोषणा की जाती है तो उसे दी गई सभी प्रकार की सुविधाएँ तत्काल वापिस ली जायेंगी। साथ ही आवेदक के विरुद्ध भारतीय दंड विधान के अनुसार कड़ी कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
क्रमांक: 98/2014/844/वर्मा
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