किसान भाई पाले से फसलों को बचाने के उपाय करें
खण्डवा 6 जनवरी, 2021 - सर्दी के इस मौसम में पाला पड़ने की संभावना अधिक रहती है। अतः पाले से बचाव के लिए फसलों में हल्की सिंचाई करंें, अथवा थायो यूरिया की 500 ग्राम मात्रा का 1000 लीटर पाने में घोल बनाकर छिड़काव करें अथवा 8 से 10 किलोग्राम सल्फर पाउडर प्रति एकड का भुरकाव करें अथवा घुलनशील सल्फर 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर अथवा 0.1 प्रतिशत् गंधक अम्ल का छिडकाव करें। अगेती बुवाई वाली किस्मों में दूसरी सिंचाई आवश्यकता को देखते हुए करें। उप संचालक कृषि श्री आर.एस. गुप्ता ने किसान भाईयों को सलाह दी है कि वे देर से बुवाई की गई फसल में सिंचाई के सांथ यूरिया 70-72 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर दर से सिंचाई के पूर्व छिड़काव कर दें। आवश्यकता से अधिक सिंचाई करने पर फसल गिर सकती है, दानों में दूधिया धब्बे आ जाते हैं तथा उपज कम हो जाती है। बालियाँ निकलते समय फव्वारा विधि से सिंचाई न करें अन्यथा फूल खिर जाते हैं, दानों का मुँह काला पड़ जाता है व करनाल बंट तथा कंडुवा व्याधि के प्रकोप का डर रहता है। माहू का प्रकोप गेंहूँ फसल के उपरी भाग अथवा तना पत्तों पर होने की दशा में मिडाक्लोप्रिड 250 मिली ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें। जैसे ही बालियाँ निकलना शुरु हों फसल की अन्य प्रजातियों के पौधों को पहचान कर जड़ से उखाड़ कर खेत से बाहर कर दें। इसके 15 दिन बाद दूसरी बार खेत में से बचे हुए अवांछित पौधों को फिर से उखाड़ दें।
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