खुशियों की दास्ताँ
प्याज भण्डार गृह बनाने के लिए अनुदान भी मिला और आय भी दुगुनी हुई
खण्डवा 28 जनवरी, 2021 - प्रभुलाल पिता तुलसीराम निवासी ग्राम तलवडिया गत 8-10 वर्ष से हर साल अपनी 2 एकड़ कृषि भूमि में प्याज का उत्पादन कर लेते थे। भण्डार गृह न होने से प्याज का उत्पादन होते ही उसे बाजार में चालू मूल्य पर ही बेचना पड़ता था, क्योंकि इतनी प्याज रखने के लिए उनके पास जगह नही थी। ऐसा करने में प्याज का मूल्य ठीक नही मिल पाता था। कभी कभी तो लागत भी निकालना मुश्किल था।
एक दिन उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने प्रभुलाल को सलाह दी कि सरकार ने प्याज भण्डार गृह बनवाने के लिए योजना प्रारंभ की है, जिसमें 50 टन क्षमता का गोदाम बनाने के लिए उन्हें 3.50 लाख रूपये की मदद मिल सकती है। इसमें से आधी राशि अर्थात 1.75 लाख रूपये उन्हें अनुदान के रूप में मिल जायेगी। प्रभुलाल ने सलाह मानकर योजना के लिए आवेदन कर दिया और कुछ दिनों में गोदाम बनकर तैयार हो गया। अब प्याज का उत्पादन होने के बाद बेचने की जल्दी इसलिए नही रहती, क्योंकि अब वह गोदाम मालिक बन गए है। अब प्रभुलाल को जब लगता है कि बाजार में प्याज का अधिकतम भाव मिल रहा है, तभी वह गोदाम से निकालकर प्याज बेच देता है, इससे उसकी आय पहले की तुलना में दुगुनी से अधिक हो गई है। आय बढ़ने से अब प्रभुलाल व उसका परिवार बहुत खुश है।
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