सफलता की कहानी
पपीते की उन्नत खेती ने ग्राम आरूद के सोनू को बनाया लखपति
खण्डवा 27 जून, 2018 - कभी अपने पिता सेवकराम के साथ परम्परागत तरीके से सोयाबीन, गेहू, चना, गन्ना आदि की खेती कर घाटे में रहने वाला पंधाना विकासखण्ड के आदर्ष ग्राम आरूद निवासी सोनू अब उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्षन से पपीते की खेती कर लखपति बन चुका है। उसने अपने छोटे से खेत में पपीता लगाकर लगभग 7 लाख रूपये के पपीते बेचे है। सोनू बताता है कि यदि खेती की लागत के 1.20 लाख रूपये निकाल भी दिए जायें तो भी 5.80 लाख रूपये का शुद्ध लाभ मात्र 0.60 हेक्टेयर क्षेत्र में खेती करके हुआ है। सोनू बताता है कि उसने पपीते के साथ साथ अंतरवर्तीय फसल के रूप में खीरा, फूल गोभी का भी उत्पादन किया, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति और अधिक बेहतर हो गई है।
सोनू ने बताया कि परम्परागत खेती आज भी घाटे का धंधा है, जिसमें 1 हेक्टेयर क्षेत्र में 25 हजार रू. खर्च कर कुछ उत्पादन किया जाये तो 10 से 15 हजार रू. की ही बचत हो पाती है। पूर्व में वह भी इसी तरह की खेती करता था जिससे आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। सोनू बताता है कि उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने एक दिन उसे बताया कि यदि वो परम्परागत खेती छोड़कर उद्यानिकी फसलों का उत्पादन शुरू करे तो उसे काफी लाभ होगा। सोनू को यह बात जम गई और उसने पपीते की खेती शुरू कर दी, जिसके परिणाम स्वरूप अब वह लखपति बन चुका है और अपने परिवार का बहुत अच्छी तरह से पालन पोषण कर पा रहा है।
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