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Sunday 18 September 2016

स्वास्थ्य व महिला बाल विकास के अधिकारी कुपोषण से निपटने के लिए संयुक्त प्रयास करें - महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती चिटनिस

स्वास्थ्य व महिला बाल विकास के अधिकारी कुपोषण से निपटने के लिए संयुक्त प्रयास करें - महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती चिटनिस 

खण्डवा 18 सितम्बर 2016 - प्रदेष की महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने खण्डवा कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष मंे महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर उन्हें निर्देष दिए कि दोनों विभाग के जिला अधिकारी , खण्ड स्तरीय अधिकारी एवं सुपरवाईजरी अधिकारी संयुक्त प्रयास कर कुपोषण की समस्या से निपटने का कार्य करें, इसके लिए दोनांे विभागों के अधिकारी संयुक्त बैठक लें एवं संयुक्त दौरे करे। बैठक मंे अपर संचालक महिला बाल विकास श्री आर.पी. रमनवाल , संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास सुश्री संध्या व्यास , खण्डवा विधायक देवेन्द्र वर्मा, पंधाना विधायक श्रीमती योगिता बोरकर, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती शुचिस्मिता सक्सेना सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती चिटनिस ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती गौरी सिंह एवं प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास श्री जे.एन. कसोटिया से मोबाईल पर चर्चा कर दोनों विभागों के रिक्त पदों की पूर्ति यथाषीघ्र करने तथा खण्डवा के खालवा क्षेत्र में पोषण पुनर्वास केन्द्र की क्षमता बढ़ाने एवं षिषु रोग विषेषज्ञ चिकित्सों की पद स्थापना के निर्देष दिए। उन्होंने खालवा के परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास को निर्देष दिए कि वे मुख्यालय पर ही रहे तथा बिना कलेक्टर की अनुमति के मुख्यालय से बाहर न जाये। 
बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती चिटनिस ने संयुक्त संचालक सुश्री व्यास को निर्देष दिए कि वे अगले दो दिन तक खालवा क्षेत्र का दौरा कर कुपोषण प्रभावित ग्रामों में जाकर स्थिति को देखे। उन्होंने जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती सक्सेना को निर्देष दिए कि खालवा क्षेत्र में रोजगार गारंटी योजना के तहत अधिक से अधिक रोजगार के अवसर स्थानीय ग्रामीणों को उपलब्ध कराये ताकि वहां के आदिवासीयों के समक्ष मजदूरी व रोजी रोटी का संकट न आये। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से अपील की कि वे कुछ कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उन्हें सुपोषित बनाने की जिम्मेदारी लें। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती चिटनिस ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देष दिए कि शासकीय अस्पतालो में प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को भर्ती करने के बाद उन्हें स्तनपान का महत्व अवष्य समझायें, क्योंकि स्तनपान करने वाले बच्चे अपेक्षाकृत कम कुपोषित होते है तथा रोगों से लड़ने की उनकी क्षमता भी बेहतर होती है। 
बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती चिटनिस ने कहा कि कुपोषण मुक्त गांवों के सरपंच , सचिव, ए.एन.एम. एवं आंगनवाड़ी कार्यकता को पुरूस्कार एवं प्रोत्साहन राषि देने का निर्णय सरकार ने लिया है तथा कुपोषण मुक्त गांव के आंगनवाड़ी केन्द्र को 50 हजार रूपये का पुरूस्कार भी दिया जायेगा। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास को हर माह  में दो बार स्वास्थ्य परीक्षण षिविर आयोजित कर महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण कराने की व्यवस्था के निर्देष दिए तथा कहा कि दोनों ही विभाग के जिला अधिकारी इन षिविरों में आवष्यक रूप से उपस्थित रहे। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती चिटनिस ने कहा कि जिला अधिकारियों के साथ साथ खण्ड स्तरीय सीडीपीओ एवं बीएमओ भी संयुक्त दौरे एवं बैठक एक साथ लें। साथ ही दोनों ही विभाग के पर्यवेक्षक भी साथ में बैठक लें एवं दौरे करें। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देष दिए कि आयरन के टानिक के साथ महिलाओं को विटामिन सी की खुराक भी अवष्य देने की व्यवस्था करें। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती चिटनिस ने कहा कि मध्यप्रदेष शासन की 108 एम्बूलेंस का उपयोग कुपोषित बच्चे को पोषण पुनर्वास केन्द्र तक ले जाने में भी यिका जाये। उन्होंने प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को टीकाकरण दोपहर 12 बजे से 5 बजे के बीच कराने के निर्देष दिए ताकि बच्चों को पोषण आहार निर्धारित समय पर ही मिल सके। उन्होंने स्वागतम लक्ष्मी योजना , लाड़ली लक्ष्मी योजना एवं शौर्यादलो के प्रषिक्षण तथा मुख्यमंत्री महिला सषक्तिकरण योजना की प्रगति की समीक्षा भी की। 
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवास्या ने बैठक में बताया कि जिला अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केन्द्र की क्षमता 20 बिस्तरीय है, जबकि वहां हमेष 35-36 बच्चे भर्ती रहते है। ऐसे में जिला स्तरीय केन्द्र की क्षमता बढ़ाकर 50 किए जाने की आवष्यकता है। उन्होंने खालवा एवं रोषनी के पोषण पुनर्वास केन्द्र की क्षमता बढ़ाने की मांग भी की। जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास परियोजना श्री राजेष गुप्ता ने बताया कि सभी आंगनवाडी केन्द्रों में हर माह की 1 से 5 तारीख तक बच्चों का वजन लिया जाता है तथा अतिकम वजन वाले बच्चों को पास के पोषण पुनर्वास केन्द्र में भेजने की व्यवस्था की जाती है।

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