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Tuesday 27 September 2016

जनसमस्याओं के निराकरण हेतु अधिकारी अपनी अधिकतम क्षमताओं का उपयोग करें - कलेक्टर श्रीमती नायक

जनसमस्याओं के निराकरण हेतु अधिकारी अपनी अधिकतम क्षमताओं का उपयोग करें - कलेक्टर श्रीमती नायक

खण्डवा 27 सितम्बर 2016 - नागरिकों की समस्याओं के निराकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें । सभी जिला अधिकारी अपने क्षेत्र के नागरिकांे की समस्याओं के निराकरण के लिए अपनी अधिकतम क्षमताओं का उपयोग करंे। यह निर्देष कलेक्टर श्रीमती स्वाति मीणा नायक ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित साप्ताहिक समीक्षा बैठक में उपस्थित अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि जिला अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की क्षमताओं को पहचानें तथा उनकी क्षमता के अनुसार उनसे कार्य लें। बैठक में अपर कलेक्टर श्री अनुराग सक्सेना, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती शुचिस्मिता सक्सेना, सहायक कलेक्टर सुश्री अदिति गर्ग सहित विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टर श्रीमती नायक ने सभी तहसीलों के अधिकारियों से भी चर्चा की तथा उन्हें भी जनसमस्याओं के त्वरित निराकरण के निर्देष दिए। इस दौरान दक्षिण कोरिया के प्रषिक्षण प्रवास से वापस आये अपर कलेक्टर श्री सक्सेना ने दक्षिण कोरिया के प्रषासन की व्यवस्थाओं के बारे में प्रजेंटेषन के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। 
सी.एम. हेल्पलाइन की मॉनिटरिंग खुद करें अधिकारी
कलेक्टर श्रीमती नायक ने बैठक में कहा कि कृषि, उद्यानिकी, सहकारिता, सामाजिक न्याय, एवं श्रम विभाग के अधिकारी सराहनीय कार्य कर रहे है। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि वे कम्प्यूटर चलाना सीखें तथा सीएम हेल्पलाइन में दर्ज षिकायतों का निराकरण खुद करें। आवष्यकता हो तो षिकायत निराकरण से पूर्व षिकायतकर्ता से उसके मोबाइल नम्बर पर बात कर उससे उसकी समस्या के संबंध में विस्तृत जानकारी लें।
महिलाओं के सम्मान की खातिर बनवायें घरों में शौचालय
      कलेक्टर श्रीमती नायक ने बैठक में कहा कि घर में शौचालय की सबसे अधिक आवष्यकता घर की महिलाओं व बालिकाओं को होती है, क्योंकि घर में शौचालय होने से महिलाओं के सम्मान की रक्षा भी होती है। उन्हांेने कहा कि महिलाएं तो चाहती है कि घरों में शौचालय बनें लेकिन घर में उनकी आवाज दबा दी जाती है। उन्होंने कहा कि चूंकि खण्डवा जिले में महिला कलेक्टर , महिला जिला पंचायत सीईओ, महिला सहायक कलेक्टर तथा दो महिला एसडीएम पदस्थ हैं, ऐसे में खण्डवा जिले को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए बेहतर प्रयास किये जाने चाहिए और यह सुनिष्चित किया जाना चाहिए कि परिवार में शौचालय निर्माण के लिए महिलाओं की आवाज दबने न पाये और खण्डवा जिला शीघ्र ही खुले में शौच के अभिषाप से मुक्त हो। 
स्वरोजगार योजनाओं में महिलाओं को बराबर प्रतिनिधित्व मिलें
     कलेक्टर श्रीमती नायक ने बैठक में कहा कि आबादी का 50 प्रतिषत भाग महिलाओं का होता है। इसलिए सभी स्वरोजगार योजनाओं में हितग्राहियों के चयन के समय यह प्रयास किया जाना चााहिए कि महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिलें। इसके लिए उन्होंने महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, अन्त्यावसायी सहकारी समिति, ग्रामोद्योग, लीड बैंक प्रबंधक तथा जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देष दिए कि महिला हितग्राहियों को भी विभिन्न योजनाओं में बराबर से लाभान्वित करें। 
राजस्व विभाग के मोबाइल कोर्ट लगायें जायें
      बैठक में कलेक्टर श्रीमती नायक ने सभी एसडीएम व तहसीलदारों को निर्देष दिए कि वे अपने कार्यालयों में संचालित राजस्व न्यायालयों के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी मोबाइल कोर्ट आयोजित करें तथा राजस्व प्रकरणों का दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद मौके पर ही निराकरण करें। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण व सीमांकन जैसे प्रकरणों की सुनवाई मोबाइल कोर्ट में करके समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा सकता है। उन्होंने मोबाइल कोर्ट के आयोजन के दौरान आवष्यकता अनुसार पुलिस का भी सहयोग लेने के निर्देष दिए। 
दक्षिण कोरिया प्रवास के अनुभव साझा किये ए.डी.एम. श्री सक्सेना ने 
       बैठक में अपर कलेक्टर श्री अनुराग सक्सेना ने अपने प्रषिक्षण भ्रमण के दौरान दक्षिण कोरिया यात्रा के बारे में बताते हुये कहा कि 4 से 11 सितम्बर के दक्षिण कोरिया प्रवास के दौरान उन्होंने वहां की राजधानी सियोल में कुल 5 जिले है। जिला प्रषासन के कार्यालय को योंगसेन ऑफिस कहा जाता है। वहां सिंगल विन्डो पर कुल 346 तरह की सेवाएं एक ही कार्यालय भवन से दी जाती है। वहां के जिला कार्यालय में खाली आवेदन व भरे हुये आवेदनों के प्रारूप उपलब्ध रहते है। जिससे कि आवेदक उन्हें देखकर अपना आवेदन भर सके। इसके अलावा शहर का कचरा रात्रि 10 से सुबह 6 बजे के बीच उठाया जाता है। सियोल शहर से प्रतिदिन 700 मैट्रिक टन कचरा उठाया जाता है तथा पूरा कचरा ऊर्जा उत्पादन में लगा दिया जाता है। वहां 40 मेडिकल कॉलेज नगरीय प्रषासन विभाग द्वारा संचालित है। सियोल में इन्टेलिजेट ट्रांसपोर्ट सिस्टम तथा एडवांस ट्रेफिक मेनेजमेंट सिस्टम लागू है, कुल 1800 केमरो के माध्यम से टेªफिक मेनेजमेंट होता है। मोबाइल एप्प के माध्यम से नागरिकों को यह जानकारी होती है कि कौन से मार्ग पर जाम लगा है तथा किस मार्ग से होकर जाना है। वहां 99 प्रतिषत भुगतान स्मार्ट कार्ड के जरिये होता है तथा टोल टेक्स बेरियर पर 3 सेकण्ड में वाहन पास कर दिया जाता है। 

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