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Monday, 19 September 2016

सोयाबीन किसानों को सामयिक सलाह

सोयाबीन किसानों को सामयिक सलाह

खण्डवा 19 सितम्बर 2016 - कम समय में पकने वाली सोयाबीन की प्रजातियां वर्तमान में परिपक्व हो चुकी हैं। कम समय में पकने वाली सोयाबीन की किस्मों में फलियों का रंग बदलने की अवस्था में उचित समय पर किसान सोयाबीन की कटाई कर चटकने से होने वाले नुकसान को कम करें। उपसंचालक कृषि श्री ओ.पी. चौरे ने सलाह दी है कि कटी हुई सोयाबीन की फसल को दो से तीन दिन तक धूप में सुखाने के बाद खलिहान में एकत्रित कर तिरपाल से ढंक दें, जिससे फलियां चटकने से नुकसान को कम किया जा सके। अगले वर्ष के दौरान बीज के रूप में उपयोगी सोयाबीन की फसल की गहाई हेतु थ्रेसर की स्पीड 350 से 400 आर.पी.एम. रखें, जिससे बीज की गुणवत्ता बरकरार रखी जा सके। मध्यम या अधिक समय में पकने वाली सोयाबीन की किस्में वर्तमान में दाना भरने की अवस्था में हैं। बारिश नहीं होने की स्थिति में इन प्रजातियों में चारकोल रॉट नामक बीमारी का प्रकोप होने की आशंका है। इससे बचने के लिए किसानों को फसल में शीघ्र सिंचाई करने की सलाह दी गई है। सफेद मक्खी एवं गर्डल बीटल के सामूहिक प्रकोप की दशा में किसान पूर्व मिश्रित कीटनाशक बीटासायफ्लूथ्रीन एवं इमिडाक्लोप्रीड का छिड़काव 350 मि.ली. प्रति हेक्टर की दर से करें। 

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