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Thursday, 5 June 2014

आपदा प्रबंधन की बैठक में कलेक्टर ने दिये आवश्यक निर्देश

आपदा प्रबंधन की बैठक में कलेक्टर ने दिये आवश्यक निर्देश


खण्डवा (05 जून, 2014 ) - वर्षा ऋतु में बाढ़ एवं अतिवृष्टि से उत्पन्न संभावित स्थिति के लिये कलेक्टर श्रीमती शिल्पा गुप्ता की अध्यक्षता में विभाग प्रमुखो की बैठक का आयोजन कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में किया गया। बैठक में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिये कलेक्टर द्वारा निर्देश दिये गये। कि इंदिरा सागर बॉंध एवं ओंकरेश्वर बाध में जलभराव नियत है। इस स्तर तक होने की स्थिति में उन संवेदनशील ग्रामों को चिन्हाकिंत किया जाये जहॉं आकस्मिक व्यवस्था एवं इस क्षेत्र के रहवासियों को आवश्यकता होने पर सुरक्षित स्थानों पर पहॅुचा कर उन्हें बुनियादी सुविधायें उपलब्ध कराना आवश्यक है। इस हेतु कार्ययोजना तैयार की जावें ओंकारेश्वर क्षेत्र में पानी का लेबल प्रदर्शित करने वाले स्टोन्स व्यवस्थित किये जावे।
कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिये कि पुनः बसाहट एवं बाढ़ प्रभावित क्षेत्र मंे डॉक्टर्स की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे साथ ही पर्याप्त दवाईयों की भी व्यवस्था करेंगे। प्रत्येक उपस्वास्थ्य केन्द्रो पर भी दवाईयॉं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखी जावें। ग्रामों में डिपो होल्डर्स बनाया जाकर उन्हें ब्लीचिंग पावडर ओ.आर.एस.घोल, उल्टी दस्त की दवाईयॉं, पेरासिटामाल पर्याप्त मात्रा में रखी जावें। डिपों होल्डर्स दवाईयों की जानकारी से संबंधित अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत समस्त की सूची देकर अवगत करावें स्वास्थ्य विभाग यह भी सुनिश्चित करें कि उनका अमला मुख्यालय पर ही निवास करें।
वर्षाकाल में वर्षा जनित बीमारिया जैसे मलेरिया, डायरिया, पीलिया आदि की रोकथाम हेतु निर्देश दिये गये कि वे नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रो में इन बीमारियों से बचाव तथा उनके उपचार हेतु दवाईयों का वितरण समय पर किया जाना सुनिश्चित करें। दवाईयॉं वितरण हेतु आशा कार्यकर्ता को प्रदाय की जावे ताकि वे ग्रामो में उनका वितरण करें।
सभी नगर निगम व पंचायतो में फायरबिग्रेड एवं ड्रायवर उपस्थित रहे। जिला सेनानी, नगर सेना को होमगार्ड के सैनिक काल आर्डर करने के लिये निर्देशित किया गया तथा साथ ही नाव पूर्णतः तैयार रखी जाकर उपलब्ध रखने हेतु निर्देश दिये गये। कार्यालय के पास बाढ़ एवं आपदा से 
बचाव हेतु जो समस्त उपकरण उपलब्ध है उन्हें दुरूस्त कर तैयार रखने हेतु कहा गया। जिले में उपलब्ध अन्य विभागों की मोटर बोट, नाव लाईफ जैकेट, लाईफ बाय तथा अन्य बचाव सामग्री जो मौजूद है उनकी सूची तैयार कर उन्हें चेक कर अच्छी हालत में रखी जावे। यदि किन्ही उपकरणों के मरम्मत की आवश्यकता हो तो उन्हे मरम्मत करा लिया जावे। मोटर बोट एवं इंजिन चालू हालात में हो तथा मोटर बोट के इंजन में पी.ओ.एल. भरा होना चाहिए। इंजिन चलाने वाले जवानों को भलीभॉति पुनः इंजन चलाने की जानकारी एवं अभ्यास कराया जावे ताकि मौके पर इंजन चलाये जाने पर कठिनाई ना आवें। आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उपयोग हो सके। बाढ़ से प्रभावित गा्रमो में होमगार्डस की ड्यूटी लगाना सुनिश्चित करें। अतिवृष्टि एवं बाढ़ से उत्पन्न स्थिति की सूचना तत्काल बायरलेस के माध्यम से सबंधित क्षेत्र के राजस्व अधिकारी को दी जावें। जिला सेनानी होमगार्ड बाढ़ से निपटने हेतु शासन द्वारा प्रदत्त नाव को डीजल एवं पेट्रोल भरवा कर सुरक्षित रखे तथा कुशल तैराक बाढ़ बचाव हेतु आवश्यक साम्रगी जैसे रस्सा, बाल्टी, लालटेन, तगारी, फावड़ा आदि की व्यवस्था संभावित बाढ़ प्रभावित होने वाले ग्राम के निकटतम थाने में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखेगें। प्रशिक्षित तैराक एवं बचाव दल के होमगार्डस को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जावें तथा उन्हे बाढ़ के समय कार्य करने के तौर - तरीके से भलीभॉति परिचित करा दिया जावें। प्रशिक्षित होमगार्डस एवं तैराको को रिर्जव में रखा जावे ताकि आवश्यकता पड़ने पर इन्हे तत्काल वांछित इलाके में भेजा जा सके। वर्षाकाल के दौरान गोताखोर की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए उपयुक्त गोताखोरो का चयन किया जाकर उन्हे प्रशिक्षण दिया जाकर आपात हेतु तैयार रखे। पशु चिकित्सा विभाग को आवश्यक दवाईयॉ समस्त केन्द्रो पर उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया। बारिश में मरे हुये पशुओं को खुले रूप में ना फेंके उन्हें दफनाया जावें ताकि संक्रमण फैलने की स्थिति निर्मित ना हो।
खाद्य अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि पहॅुच विहीन ग्रामों में पूर्व से ही खाद्य सामग्री का स्टाक वर्षा के पूर्व उपलब्ध करा देवे। वर्षा ऋतु मंे उचित मूल्य की दुकान एवं समितियों में रखा गया खाद्यान को किसी प्रकार का नुकसान ना होने पावें अच्छा खाद्यान जनता में वितरित किया जावे। बाढ़ से प्रभावित व्यक्ति अस्थायी शिविरो में रह रहे होगे उन्हे खाद्यान सामग्री एवं ईधन की व्यवस्था करना जिला खाद्य अधिकारी का उत्तरदायित्व रहेगा। वे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से संपर्क स्थापित कर कार्य करेगें। बाढ़ आने की स्थिति इमरजेंसी में राहत शिविर केम्पों मे भोजन पैकेट्स प्रदाय किये जाने हेतु तत्काल सूचना पर भोजन पैकेट तैयार करने हेतु एजेेंसी का निर्धारण वर्षा पूर्व कर लिया जावे।
गा्रमो के पहॅुच मार्गो पर व्यवधान उपस्थित ना हो तथा बरसात के मौसम मे राहत पहॅुचाने मंे असुविधा ना हो इस हेतु रास्ते पुल-पुलियाओ आदि का मरम्मत कार्य पूर्व से ही करना सुनिश्चित करा लिया जावे। पुल पर पानी होने पर लेवल की जानकारी देने के लिये कर्मचारी की ड्यूटीया लगायी जावे। निचली पुल-पुलिया जहॉं पानी ओवर लो हो रहा है वहां साईन बोर्ड एवं बैरियर लगाये। जहॉं पानी आने से रास्ते बंद हो जाते है वहॉं वैकल्पिक व्यवस्था की जावें।
कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एवं कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन विभाग तालाब एवं स्टाप डेम को चेक कर लेवें। दूरसंचार विभाग यह सुनिश्चित करेंगे कि अतिवृष्टि एवं बाढ़ की स्थिति में टेलीफोन लाईन निरंतर चालू रहे ताकि दूरभाष के माध्यम से निकटतम स्थान से संपर्क बना कर उस स्थान से सपंर्क स्थापित किया जा सकें। ग्रामीण क्षेत्रो में विशेष रूप से जिम्मेदार अधिकारी की उपस्थिति सुनिश्चित करें।
नगर निगम खंडवा को समस्त नालों की सफाई का कार्य वर्षा पूर्व किये जाने हेतु निर्देशित किया गया ताकि वर्षा के पानी की निकासी में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न ना हो। शहरी नालो की सफाई निरंतर किये जाने हेतु निर्देशित किया गया ताकि इन स्थानों पर आवागमन में किसी प्रकार की अव्यवस्था एवं जनहानि ना हो। शहर मंे स्वच्छ पेयजल प्रदाय किया जावें। अतिवृष्टि एवं बाढ़ की स्थिति में राहत कैम्प लगाये जाने हेतु आपदा प्रबंधक सेल क नोड्ल अधिकारी की नियुक्ति की जावें तथा राहत शिविर के लिये स्थान का चयन किया जावे ताकि अतिवृष्टि एवं बाढ़ के समय प्रभावित व्यक्तियो को आवश्यकता पड़ने पर उन अस्थायी शिविरो में ठहराया जा सकें। बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों को भोजन पैकेट्स के साथ स्वच्छ पेयजल प्रदाय किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही पूर्ण कर ली जावें। 
वर्षा से बने हुए स्टापडेम पर वितरीत प्रभाव न पड़े इस हेतु कलेक्टर महोदया द्वारा निर्देश दिये गये कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत को यह सुनिश्चित करने के निर्देश देवें कि जितने भी स्टापडेम हैं, उनके गेट निकाल दिये जावें ताकि पानी के दबाव से डेम क्षतिग्रस्त न हों। स्टापडेम के गेट वर्षाकाल समाप्ति उपरांत सितम्बर अंत में पुनः लगाने के निर्देश दिये गये।
वर्षा ऋतु में नदियों पर सतत निगरानी रखी जाये। जल संसाधन विभाग अधीनस्थ समस्त बांधो एवं जलाशयों की स्थिति पर सतत नियंत्रण रखेगे एवं पानी छोड़ने अथवा अतिवृष्टि की स्थिति में आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करेगे ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि ना हो, इस हेतु आवश्यक कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जावें। बैठक में पुलिस अधीक्षक मनोज शर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अमित तोमर, अपर कलेक्टर एस.एस.बघेल, आयुक्त नगर निगम शोभाराम सोलंकी चारो अनुविभागो के अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार , नायब तहसीलदार तथा सभी प्रमुख विभागो के अधिकारीगण उपस्थित थे।
क्रमांक/16/2014/905

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