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Tuesday, 3 June 2014

हर विकासखण्ड में किसानों के लिये प्रशिक्षण शिविर लगेगा

हर विकासखण्ड में किसानों के लिये प्रशिक्षण शिविर लगेगा
कृषि केबिनेट में खरीफ-2014 कार्य-योजना को मंजूरी
ऐतिहासिक कृषि विकास दर हासिल करने पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की विभागों की तारीफ 

खण्डवा (03 जून, 2014 ) - किसानों को जलवायु परिवर्तन, अलनीनो के फसलों पर होने वाले हानिकारक प्रभाव के प्रति जागरूक बनाने और इससे बचने के लिये खेती करने के तरीकों में बदलाव करने के संबंध में हर विकासखण्ड में प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन शिविर आयोजित किये जायेंगे। 
यह निर्णय आज यहाँ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कृषि केबिनेट की बैठक में लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम में होने वाले परिवर्तनों और इससे होने वाले फसल नुकसान पर किसानों का नियंत्रण नहीं है लेकिन इससे बचने के लिये उन्हें लगातार जागरूक बनाने की आवश्यकता है। 
कृषि केबिनेट में खरीफ 2014 की कार्ययोजना को मंजूरी दी गई। कृषि क्षेत्र में मध्यप्रदेश को मिली उपलब्धियों पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर सर्वाधिक 24.99 प्रतिशत हासिल करने पर सभी संबंधित विभागों और किसानों के सहयोग की सराहना करते हुए बधाई दी। उन्होंने कहा कि मौसम की बेरूखी के बावजूद समन्वित प्रयासों से ऐतिहासिक कृषि विकास दर प्राप्त करना मध्यप्रदेश के लिये चमत्कार है। इसमें कृषि क्षेत्र के विकास के लिये सरकार के निर्णय, विभागीय समन्वय और नीतिगत पहल का मिला-जुला योगदान है। 
बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश ने ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में चार प्रतिशत विकास दर के लक्ष्य को पार करते हुए 9 प्रतिशत से ज्यादा विकास दर हासिल की। कृषि की विकास दर वर्ष 2011-12 में 19.85 प्रतिशत थी जो वर्ष 2012-13 में बढ़कर 20.16 प्रतिशत हो गई और वर्ष 2013-14 के पूर्वानुमान के अनुसार यह 24.99 प्रतिशत हो गई है जो देश में सबसे ज्यादा है। 
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश तिलहन फसलों, दलहन फसलों, चना और सोयाबीन के उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है। सरसों में दूसरे और गेहूँ में तीसरे स्थान पर है। 
बैठक में बताया गया कि 130 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बोनी की जायेगी। धान और मक्के का क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है। खरीफ 2014 कार्य-योजना के अनुसार धान का उत्पादन 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और मक्के का उत्पादन 35.02 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुँच जायेगा। खाद और बीज की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। सोयाबीन के बीज की उपलब्धता बनाये रखने के लिये भी रणनीति बनाई गई है। 
बैठक में भारत सरकार की नई फसल बीमा योजना में किसानों को ज्यादा प्रीमियम दरें आने की संभावना पर चर्चा की गई। बताया गया कि गुजरात, तमिलनाडु, उड़ीसा एवं अन्य राज्यों ने इस पर आपत्ति की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री से चर्चा की जायेगी। 
आज की बैठक में कृषि केबिनेट सदस्यों के साथ राज्य मंत्रि-परिषद के सदस्य भी विशेष रूप से उपस्थित थे।
क्रमांक/11/2014/900

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