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Sunday, 21 March 2021

शिवराज सरकार का लक्ष्य - ‘‘आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश‘‘

 शिवराज सरकार - सफल एक वर्ष 
शिवराज सरकार का लक्ष्य - ‘‘आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश‘‘

खण्डवा 21 मार्च, 2021 - एक सच्चे नेतृत्व की पहचान संकट के समय में ही होती है। कोरोना संक्रमण के विश्वव्यापी दौर में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 130 करोड़ भारतीयों को यह संदेश दिया कि यदि देश के आत्म-गौरव की रक्षा करनी है तो एक ही उपाय है - आत्म-निर्भर भारत का निर्माण। आत्म-निर्भरता कोई साधारण शब्द नहीं है - यह पहली बार अपनी ताकत को पहचानने की दिशा में लगाई गई ऊँची छलांग है।

मध्यप्रदेश, देश का पहला राज्य बना, जिसने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण का रोडमैप तैयार कर उसे 12 नवंबर, 2020 से प्रभावशील भी कर दिया। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण का ताना-बाना सुशासन, भौतिक अधोसंरचना, शिक्षा एवं स्वास्थ्य तथा अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार के चार स्तंभों इर्द-गिर्द बुना गया है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के नियमित अनुश्रवण एवं समीक्षा के लिए आत्म-निर्भर पोर्टल का भी निर्माण किया गया है। इस प्रकार मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के न भूतो न भविष्यति नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार का समय, संसाधन, सेवाएँ सभी अर्जुन के लिए आँख की भाँति एक ही उद्देश्य, एक ही लक्ष्य की ओर केंद्रित है और वह है आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण।

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के क्रियान्वयन और विभिन्न योजनाओं तथा कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की सतत समीक्षा के लिये एक मजबूत मॉनीटरिंग सिस्टम बनाया गया है। इस सिस्टम के अंतर्गत रोडमैप के क्रियान्वयन की मॉनीटरिंग के लिये आत्म-निर्भर पोर्टल, जिलों में विभिन्न कार्यक्रमों एवं योजनाओं की प्रगति की मानीटरिंग के लिए सीएम डैशबोर्ड और राज्य स्तर पर वृहद परियोजनाओं की मासिक समीक्षा के लिए प्रगति एप बनाया गया है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों की स्थिति एवं संभावनाओं की समीक्षा के उद्देश्य से जीआईएस आधारित पोर्टल श्एमएलए डैशबोर्ड बनाया गया है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश रोडमैप में चारों प्रमुख बिंदु - भौतिक अधोसंरचना, सुशासन, स्वास्थ्य एवं शिक्षा तथा अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार जैसे क्षेत्रों में वर्ष 2023 तक किए जाने वाले कार्यों की सूची तय की गई है। इसमें कौन-सा काम कब तक पूरा होगा, इसकी समयावधि भी साथ में निश्चित की गई है। 

नर्मदा नदी पर बने ओंकारेश्वर बाँध पर टीबीसीबी रूट के माध्यम से 600मेगावॉट के फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट का विकास 3000करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से किया जाएगा। यह विश्व का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट होगा। इसके अलावा मुरैना, छतरपुर, आगर, नीमच, शाजापुर जिलों में 18 हजार करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश किया जाएगा। कुल 4 हजार 500 मेगावॉट के सोलर पार्कों का विकास टीबीसीबी रूट के माध्यम से 35ई.एच.वी. सब-स्टेशन और संबंधित ट्रांसमिशन सिस्टम का अनुमानित 2000 करोड़ रूपये के निजी निवेश से निर्माण। आगामी 

कहा जा सकता है कि मध्यप्रदेश सरकार का संकल्प सिर्फ आत्म-निर्भरता का दस्तावेज तैयार करना ही नहीं है, बल्कि उसने इसके चरणबद्ध क्रियान्वयन के लिए समय-सीमा भी तय कर दी है। पूरा देश मध्यप्रदेश की संकल्पबद्धता से वाकिफ है। देश ने देखा है कि एक समय पिछड़े और बीमारू कहे जाने वाले इस राज्य ने खुद को जाग्रत और सक्रिय करते हुए कैसे कृषि के क्षेत्र में क्रांतिकारी उपलब्धि हासिल कर लगातार कृषि कर्मण सम्मान पाया और कैसे प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को एक संकल्प के रूप में लेते हुए प्रदेश के शहरों को स्वच्छ करने का बीड़ा उठाया। इंदौर का देश के स्वच्छतम शहरों की सूची में लगातार अव्वल आना और भोपाल सहित प्रदेश के अन्य कई शहरों का स्वच्छता के पैमाने की सूची में प्रमुख स्थान हासिल करना इसका उदाहरण है। यह दर्शाता है कि मध्यप्रदेश यदि ठान ले तो उसके लिए कोई भी काम मुश्किल नहीं है। इस बार मध्यप्रदेश ने खुद को आत्म-निर्भर बनाने का संकल्प लिया है और विश्वास किया जा सकता है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के गतिशील, कर्मठ और संकल्पसिद्ध नेतृत्व तथा अपनी मेहनत एवं इच्छा-शक्ति के बल पर प्रदेश इस संकल्प को भी सफलतापूर्वक पूरा करेगा।

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