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Wednesday 18 July 2018

ग्रामीणजन शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी स्थिति को सुधारें - राज्यपाल श्रीमती पटेल

ग्रामीणजन शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी स्थिति को सुधारें
- राज्यपाल श्रीमती पटेल 
छैगांवमाखन के स्कूल व आंगनवाड़ी में बच्चों को बाॅंटे फल, हितग्राहियों को दी मदद



खण्डवा 18 जुलाई, 2018 - राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को छैगांवमाखन विकासखण्ड मुख्यालय पर स्थित प्राथमिक विद्यालय व आंगनवाड़ी केन्द्र पहुंचकर वहां के बच्चों से चर्चा की और उन्हें फल वितरित किए। इस दौरान बच्चों ने उन्हें कविताएं व कहानी सुनाई। इस दौरान कलेक्टर विषेष गढ़पाले ने उन्हें बताया कि जिले के जिन स्कूलों में षिक्षिकों की कमी है वहां ज्ञानसेतु आॅडियो, वीडियो लेक्चर्स के माध्यम से विद्यार्थियांे को पढ़ाने की व्यवस्था की गई है। इस दौरान विधायक पंधाना श्रीमती योगिता बोरकर भी मौजूद थीं। स्कूल परिसर में आयोजित स्वागत व अभिनंदन कार्यक्रम में राज्यपाल श्रीमती पटेल ने उज्जवला योजना के हितग्राहियों टिवली, सूरज बाई, नीला बाई, कला बाई व षिवानी को गैस चूल्हा, रेग्यूलेटर, रबर नली वितरित किए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना में श्रीमती चंदू बाई, जगदीष, रामप्यारी, कंचन बाई व जयसिंह को स्वीकृति पत्र प्रदान किए। साथ ही उन्होंने बालिका माहिरा, प्रेमलता व महक को लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रमाण पत्र वितरित किए। राज्यपाल श्रीमती पटेल ने इस अवसर पर ग्रामीणांे को संबोधित करते हुए कहा कि शासन द्वारा गरीब नागरिकों के कल्याण के लिए अनेकों तरह की योजनाएं संचालित की गई है, इन योजनाओं की मदद से नागरिकगण अपना व अपने परिवार का आर्थिक स्तर सुधार सकते है। 
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने अपने संबोधन में ग्रामीणों को स्वच्छता से रहने की सीख दी और कहा कि अधिकांष बीमारियां गंदगी से होती है, खाने से पहले हाथ जरूर धोये तथा उपयोग के पहले सब्जी व फलों को धोएं फिर प्रयोग में लें। उन्होंने कहा कि परिवार में बेटियों को विषेष लाड़ प्यार व देखभाल की जरूरत होती है, लेकिन बेटो पर विषेष ध्यान दिया जाता है, इसी कारण से बेटियां कुपोषित रह जाती है और उनके कुपोषित होने से जब वे माॅं बनती है तो उनके बच्चे कुपोषित होते है। अतः कुपोषण से निपटने के लिए न केवल पोषण आहार की जरूरत है, साथ ही सोच बदलने की भी जरूरत है। राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि हायर सेकेण्डरी स्कूल, काॅलेज व छात्रावासों में अध्ययनरत छात्रों का रक्त परीक्षण कराकर उनका हीमोग्लोबिन का स्तर जांचने के लिए विषेष अभियान चलाए जाने की आवष्यकता है, ताकि यदि उनका स्तर 12 प्रतिषत से कम है तो दवाईयों व पोष्टिक पदार्थो फलों व सब्जीयों की मदद से उसे बढ़ाया जा सकता है। 
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विभिन्न मापदण्डों के आधार पर नीति आयोग ने देष के 150 पिछड़े जिले चिन्हित किए है, जिनमें मध्यप्रदेष के खण्डवा सहित 8 जिले शामिल है, जिन मुद्दो पर खण्डवा जिला पिछड़ा माना गया है उनमें कुपोषण भी शामिल है। इन जिलों की विषेष माॅनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि खण्डवा जिले के अधिकारियों की टीम जिले की विकास की गति को बढ़ाने की दिषा में सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होंने नागरिकों से भी अनुरोध किया कि वे भी अपने-अपने स्तर पर अपने गांव, शहर व जिले के विकास के लिए आवष्यक योगदान दें। उन्होंने कहा कि संबल योजना के तहत गर्भवती महिला को पहले 4 हजार रू. फिर प्रसव के बाद 12 हजार रू. सहित कुल 16 हजार रू. उसके पोषण आहार के लिए दिए जा रहे है। उन्होंने सभी उपस्थित ग्रामीणों से अपील की कि घरों में वे अपनी बहू बेटियों को मिली इस राषि को अन्य कार्यो पर खर्च न करें, यह राषि केवल प्रसूता के पोष्टिक आहार पर ही खर्च करें, जिससे जच्चा बच्चा स्वस्थ्य रहे। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना ने भी देष की महिलाओं को बहुत सहारा दिया है। पहले धूएं से महिलाओं की आंखे खराब हो जाती थी और तरह-तरह के श्वास फेफड़े संबंधी रोग उन्हें लग जाते थे, अब एलपीजी कनेक्षन मिलने से कम समय में खाना बन जाता है। विधायक पंधाना श्रीमती बोरकर ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि केन्द्र व प्रदेष की सरकार गरीबों के लिए अच्छे कार्य कर रही है। उन्होंने खण्डवा जिला प्रषासन के अधिकारियों व कर्मचारियों के कार्यो की भी सराहना की।

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