सफलता की कहानी
पपीते की खेती ने चंद्रहास को बनाया लखपति
खण्डवा 21 जुलाई, 2018 - पंधाना विकासखण्ड के ग्राम आरूद निवासी किसान चंद्रहास बराडे पहले सोयाबीन, गेहूं और चना आदि की खेती किया करता था जिसमें लागत अधिक तथा मुनाफा बहुत कम हुआ करता था। खेत में उत्पादन जो होता था कभी कम दाम मिलने या कभी फसल खराब हो जाने के कारण उसकी खेती घाटे का धंधा बन चुकी थी। इससे चन्द्रहास के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी।
चन्द्रहास बताता है कि उद्यानिकी विभाग के संपर्क में आने के पश्चात् सही मार्गदर्षन मिलने से अब वह अपने खेत में आधुनिक तकनीकों के साथ खेती कर रहा है। चन्द्रहास ने अपने खेत में पपीता की खेती सिर्फ 0.40 हेक्टेयर में की, जिसकी लागत सिर्फ 60 हजार आई, लेकिन मैं अभी तक 3 लाख की फसल बेच चुका है, जिससे मुझे 2 लाख 40 हजार का फायदा हुआ है और इस फायदे को देखते हुए उसने अपने 1.20 हेक्टेयर में और पपीता लगा दिया। इसके साथ ही पिछले वर्ष अपने खेत में मनरेगा योजनान्तर्गत फलोद्यान अंतर्गत 1.0 हेक्टेयर में 625 पौधे संतरे के लगाए हैं, जिनके बीच में अंतर्वर्ती फसल के रूप में पपीता लगाया है, साथ ही एक दूसरे खेत में पपीता के साथ खीरा लगाया है। चन्द्रहास बताता है कि उसे अब एक साथ दो फसलों का लाभ मिल जाता है और हमको इस प्रकार से खेती करने में परंपरागत खेती की अपेक्षा कई गुना ज्यादा लाभ हो रहा है। इससे उसका परिवार अब खुषहाल है।
No comments:
Post a Comment