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Friday 27 July 2018

राजपाल ने परम्परागत खेती छोड़, तरबूज की खेती से कमाएं लाखों रूपये

सफलता की कहानी

राजपाल ने परम्परागत खेती छोड़, तरबूज की खेती से कमाएं लाखों रूपये

खण्डवा 27 जुलाई, 2018 - खण्डवा विकासखण्ड के ग्राम केहलारी के किसान राजपाल सिंह पिता श्री सुरेन्द्र सिंह राजपूत  बरसों से सोयाबीन और कपास की परम्परागत तरीके से खेती करते थे, जिससे एक फसल मंे 30-40 हजार रूपये की शुद्ध बचत होती थी, लेकिन इस आय से परिवार का पालन पोषण जैसे तैसे हो रहा था। एक दिन उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से मुलाकात हुई तो उन्होंने राजपाल सिंह को सलाह दी कि अगर वो मल्चिंग पद्धति से तरबूज की खेती करे तो उनकी आय 7-8 गुना बढ़ सकती है। राजपाल सिंह को यह बात जम गई, उसने उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्षन में सागर किंग किस्म का तरबूज अपने खेत में लगाया । 
उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्षन में राजपाल ने अपनी खेती में मल्चिंग को अपनाया, जिससे फसल लागत 71 हजार रूपये आयी और 450 क्विंटल तरबूज का उत्पादन हुआ, जिसे बेचकर 3.15 लाख रूपये कमाएं। राजपाल सिंह बताता है कि अगर आय में से कुल लागत 71 हजार रूपये घटा भी दिए जायंे तो 2.44 लाख रूपये का शुद्ध मुनाफा उसे हुआ है। 
राजपाल बताता है कि तरबूज की खेती में एक बार का लाभ देखकर उसने फिर तरबूज लगा दिए तो फिर तरबूज का बम्पर उत्पादन हुआ और 150 क्विंटल तरबूज बेचकर 1.27 लाख रूपये कमाएं। वह बताता है कि दूसरी बार में तरबूज लगाने पर कुल 34500 रूपये ही खर्चा आया था इस तरह लगभग 93 हजार रूपये का उसे शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ। राजपाल बताता है कि मात्र 1.5 एकड़ क्षेत्र में तरबूज की 2 बार फसल लगाकर केवल 4 माह में उसने कुल 3.37 लाख रूपये कमाएं। 

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