हमें अपने जीवन में अनावष्यक विवादों की परिस्थितियों को
निर्मित नहीं करना चाहिए - जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्री रघुवंषी
नेषनल लोक अदालत मंे 1271 लोग लाभान्वित हुए
खण्डवा 08 जुलाई, 2017 - म.प्र. राज्य विधि सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार 08 जुलाई, 2017 को जिला न्यायालय खण्डवा सहित न्यायालय हरसूद एवं पुनासा में माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्री एस.एस. रघुवंषी के मार्गदर्षन में नेषनल लोक अदालत सम्पन्न हुई। जिला न्यायालय खण्डवा में प्रातः 10.30 बजे जिला एडीआर सेंटर भवन में माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्री रघुवंषी द्वारा द्वीप प्रज्जवलित कर नेषनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्री रघुवंषी ने सभी को शुभकामना व्यक्त कर कहा कि ‘‘हमें अपने जीवन में अनावष्यक विवादों की परिस्थितियों को निर्मित नहीं करना चाहिए, सभी को सौहार्द्रपूर्ण वातावरण एवं सामंजस्य से काम करना चाहिए। लोक अदालत ऐसा सषक्त माध्यम है, जिससे आपसी कटुता और बुराई समाप्त हो जाती है, लोक अदालत एक ऐसा सशक्त माध्यम है, जहॉ दोनों पक्षों की जीत होती है और दोनों में से कोई नहीं हारता है।’’
इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीष श्री अवनीन्द्र कुमार सिंह, विषेष न्यायाधीष श्री ज्ञान प्रकाष अग्रवाल, अतिरिक्त जिला न्यायाधीष सर्वश्री अतुल्य सराफ, श्री प्रकाष चंद्रा, श्री विक्रमसिंह बुले, श्रीमती दीपाली शर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री विवेक शर्मा, जिला रजिस्ट्रार एवं सचिव श्री हेमन्त यादव, श्री मनीष सिंह ठाकुर, न्यायाधीष श्रीमती रेखा चंद्रवंषी, श्री अकबर शेख, श्री कपिल वर्मा, श्री आरीफ खॉन पटेल, श्री विष्वदीपक तिवारी, श्रीमती रंजीता सोलंकी, श्रीमती संगीता डावर, श्री निषांत मिश्रा, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चन्द्रेष मण्डलोई, डीडीपी श्री एम.एल.सोलंकी, जिला अभियोजन अधिकारी श्री आर.एस.भदौरिया, अभिभाषकगण, खण्डपीठ सदस्य डॉ.जगदीषचंद्र चौरे, बैंक अधिकारी श्री एस.एस.तिवारी, श्री एस.के.गंगवार, कर्मचारी संघ अध्यक्ष श्री मनोज कुलकर्णी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहें।
लोक अदालत में न्यायिक खण्डपीठों में तथा विद्युत विभाग, बैंक, नगर निगम की स्टॉलों पर पक्षकारों की राजीनामा के लिए चर्चा करने के लिए भीड़ जुटी रहीं। जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्री रघुवंषी ने अपनी लोक अदालत खण्डपीठ में पेष किये गये घरेलू हिंसा के अपील प्रकरण में देवरानी और जेठानी की आपस में बरसों से चली आ रही कड़वाहट को समाप्त कराया गया, जेठानी श्रीमती पूजा ने अपनी देवरानी श्रीमती रष्मि को उसका सारा स्त्री धन वापिस कर दिया तो सम्मान स्वरूप देवरानी ने अपनी जेठानी का पुष्पहार पहना कर धन्यवाद प्रकट किया। कुटुम्ब न्यायालय में कई विवाहित जोड़ों ने अपने पुराने चले आ रहें वैवाहिक विवादों में सुलह-समझौता कर प्रधान न्यायाधीष श्री अवनीन्द्र कुमार सिंह के समक्ष एक-दूसरे को हार माला पहनाकर एवं मिठाई खिलाकर पहनाकर एवं मिठाई खिलाकर फिर से साथ रहने का निर्णय लिया। प्रधान न्यायाधीश श्री सिंह की कुटुम्ब न्यायालय की खण्डपीठ में 39 वैवाहिक मामलों में राजीनामा हुआ, जिससे 78 पति-पत्नी एवं बच्चें लोक अदालत से लाभान्वित हुयें। इसी प्रकार विभिन्न न्यायिक खण्डपीठों के समक्ष पक्षकारों ने सिविल, आपराधिक एवं चेक बाउन्स के प्रकरणों में आपसी राजीनामे से मामलों को हमेषा के लिए समाप्त कर लिया।
जिला रजिस्ट्रार एवं सचिव श्री हेमन्त यादव एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चन्द्रेष मण्डलोई ने बताया कि नेषनल लोक अदालत में 21 न्यायिक खण्डपीठों द्वारा न्यायालयों में लंबित 298 प्रकरणों का राजीनामा के माध्यम से निराकरण हुआ तथा 350 प्रीलिटिगेषन प्रकरणों का भी निराकरण हुआ हैं। प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में विभिन्न बैंकों के 97 प्रकरणों में रूकी हुयी राशि के रूप में 54,19,300 रूपये की वसूली हुयीं। इसी प्रकार से मोटर दुर्घटना दावा के 22 क्लेम प्रकरणों का निराकरण होकर 34,27,000 रूपये के अवॉर्ड पारित हुये। विद्युत विभाग के लंबित 60 एवं प्रीलिटिगेशन के 183 प्रकरणों में राजीनामा होकर 30,26,012 रूपये की समझौता राशि की वसूली हुयीं। इसी प्रकार जलकर के 67 मामलंे निराकृत होकर 2,62,770 रूपये की राषि वसूली हुयीं। नेशनल लोक अदालत में कुल 648 प्रकरणों का निराकरण होकर समझौता राशि 1,78,78,473 रूपये रहीं है। नेशनल लोक अदालत में कुल 1271 लोग लाभान्वित हुयें।
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