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Thursday 20 July 2017

स्वप्रेरणा एवं कर्त्तव्य बोध से करें कार्य - कलेक्टर श्री सिंह

स्वप्रेरणा एवं कर्त्तव्य बोध से करें कार्य - कलेक्टर श्री सिंह
महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न


खण्डवा 20 जुलाई, 2017 - क्या आपने अपने क्षेत्र में 100 प्रतिषत कार्य करने का प्रयास किया?  सरकारी योजनाओं में क्या खोट है ? हमारा बच्चा कुपोषित हो तो हम क्या करें ? ये प्रष्न कलेक्टर श्री अभिषेक सिंह ने बैठक में उपस्थित सभी सुपरवाईजरों से पूछे और कहा कि आपका यह कार्य नहीं है, आपको सामाजिक जवाबदारी दी गई है, इसलिए कि आप महिला एवं बच्चों का दर्द समझ कर कार्य कर सके। इसलिए इन पद के लिए महिलाओं को आरक्षण दिया जाता है और आपको इतना पवित्र कार्य मिला है कि आपका कार्य ही आपकी पूजा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को ही सुपरवाईजर एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनाया जाता है क्योंकि महिलाओं एवं बच्चों का दर्द समझ सके। 
बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने सभी सुपरवाईजरो से कहा कि विभाग द्वारा लगभग 1 लाख बच्चों पर लगभग 10 करोड़ रूपये खर्च करता है फिर भी एनआरसी में बच्चें नहीं आते है क्यों ? क्योंकि आप न्याय नहीं कर रहे है। उन्होंने कहा कि आप एक साल इस कार्य को ऐसे करे जैसे अपने घर का कार्य हो, क्योंकि ये कार्य आपकी स्वप्ररेणा एवं कर्त्तव्य बोध से होगा, इस कार्य को सरकारी न समझकर अपनी संतुष्टि के लिए करें। उन्होंने कहा कि क्या हमारे समाज का चरित्र करप्ट हो गया है यदि नहीं तो इसे अपने अच्छे कार्य से साबित करें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कुपोषण की समस्या इसलिए नहीं है कि खाना उपलब्ध नहीं है बल्कि इसलिए है कि उपलब्ध खाना भी बच्चों को समय पर हम नही दे पा रहे है, इस पर विषेष ध्यान दिया जाये। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आपकी अंतर्रात्मा जैसे कहे वैसे करे, आप सुपरवाईजर के रूप में नहीं एक महिला के रूप में ग्राम में जाकर कार्य करें तथा लगभग  एक माह बाद आपसे प्रगति की जानकारी ली जायेगी और लगभग 3 माह का हमारा लक्ष्य होगा कि कुपोषण को खत्म किया जाये। कलेक्टर श्री सिंह ने खालवा ब्लॉक के ग्राम रायपुर को भी गोद लिया। 
बैठक में वनमण्डलाधिकारी श्री एस.के. सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ. वरदमूर्ति मिश्र, जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा श्री संजय भारद्वाज, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रतन खण्डेलवाल, आदिवासी विकास विभाग से श्री नीरज पाराषर, जिला षिक्षा अधिकारी श्री पी.एस. सोलंकी, सहित सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी, सुपरवाइजर मौजूद थे। 

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