वर्षा ऋतु में जलजनित मौसमी बीमारियों की रोकथाम के उपाय
खण्डवा 17 जुलाई, 2017 - मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रतन खण्डेलवाल ने बताया कि वर्षा ऋतु में संक्रामक रोग जैसे हैजा, उल्टी-दस्त, पेचिस , खसरा, मलेरिया, पीलिया आदि बीमारियां उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि इन कारणों से बीमारियां होती है -
पेयजल प्रदूषित होने के कारण - नदी, तालाब जैसे जल स्त्रोतों के पास जब लोग मल त्याग करते है तो मल में मौजूद रोगाणु पानी में मिल जाते है। जब लोग स्नान करते हैं, कपड़े धोते है या पशुओं को नहलाते है तो अनेक रोगाणु पानी में फैल सकते है, जब पीने के लिए या भोजन पकाने के लिए ऐसे प्रदूषित व गंदे जल का उपयोग किया जाता है तो यह रोगाणु शरीर में प्रवेश कर के लोगों को कई प्रकार की बीमारियों से पीडि़त करते है। इसमें मुख्य रूप से दस्त, हैजा, टाईफाईड, पीलिया, खूनी पैचिस, तथा क्रिम (कीड़े की बीमारी) तथा आंव दस्त जैसी कई बीमारियां होती है ।
वर्षा ऋतु में जलजनित रोगों से बचाव हेतु आवश्यक सावधानिया
हमेशा शुद्ध जल स्त्रोत का प्रयोग किया जाना चाहिए। जैसे हैण्डपम्प, सार्वजनिक नल आदि, इनका पानी प्रदूषित नहीं होता है। पेयजल के सबसे सुरक्षित साधनों में से एक साधन हैण्डपम्प है। पानी को हमेशा छानकर इस्तेमाल करने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। कुंओं के पानी में नियमित ब्लीचिंग पाउडर डाला जाना चाहिए ।
पीने के पानी का रखरखाव
पीने के पानी को हमेशा साफ बर्तन में ही रखना चाहिए प्रतिदिन पानी के बर्तन को साफ करंे ताकि उसमें काई न जमने पाए। पीने के पानी को हमेशा ढककर रखें । पानी को दोहरे कपड़े से छानकर भरा जाना चाहिए। पानी निकालने के लिए लम्बे हेण्डिल वाले बर्तन का प्रयोग करें । पीने के पानी में हाथ न डाले। एक घड़े या मटकें में एक क्लोरिन गोली पीसकर डालना चाहिए। आधे घण्टे तक इसे ढककर रखने के बाद ही पानी पीने के लिए उपयोग करना चाहिए। यह गोलियॉ प्रत्येक स्वास्थ्य कार्यकर्ता/ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व ग्राम में डिपो होल्डर के पास निःशुल्क मिलती है।
उपचार हेतु आवष्यक उपाय
दूषित पानी से होने वाली बीमारियों में प्रमुख है दस्त रोग। दस्त रोग होने पर ओ.आर.एस. पैकेट एक लिटर स्वच्छ व शुद्ध पानी को घोलकर रोगी को पिलाना शुरू कर देना चाहिए। 24 घण्टे के अन्दर यह घोल अधिक से अधिक मात्रा में पिलाना चाहिए व 24 घण्टे के बाद बचा हुआ घोल फेककर दूसरे पैकेट का घोल बनाना चाहिए। दूध पीने वाले शिशु का दूध बंद नहीं करना चाहिए। दस्त के साथ उल्टीयां शुरू होने पर शीघ्र ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता या चिकित्सक को बताकर उपचार लेना चाहिए। ओ.आर.एस. पैकेट सभी स्वा0 कार्यकता, आंगनवाडी कार्यकर्ता, आशा कार्यकता के पास निःशुल्क उपलब्ध रहते है।
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