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Thursday 13 July 2017

नाबार्ड द्वारा ‘‘जल जीवन है‘‘ पर डीब्रीफिंग कार्यषाला सम्पन्न

नाबार्ड द्वारा ‘‘जल जीवन है‘‘ पर डीब्रीफिंग कार्यषाला सम्पन्न 

खण्डवा 13 जुलाई, 2017 - नाबार्ड द्वारा “जल जीवन है” कार्यक्रम का आयोजन देश के 21 राज्यों के 200 जिलों के 1 लाख गांवों में मई और जून 2017 के दौरान किया गया। इसी कड़ी में खंडवा जिले के 600 गांवों में 58 कृषि जलदूतों के माध्यम से दिनांक 08 मई 2017 से 07 जून 2017 तक जल अभियान कार्यक्रम संपन्न हुए। नाबार्ड खण्डवा के सहायक महाप्रबन्धक  (जिलाविकास) श्री मनोज पाटील ने  डीब्रीफिंग कार्यशाला में बताया कि हमारे देश में ताजे पानी की उपलब्धता कम होने के चलते कृषि में पानी के उपयोग को सीमित करने की अत्यन्त आवश्यकता है। कृषकों को यह समझाने की आवश्यकता है कि फसलों को मात्र नमी की ही जरुरत होती है जबकि कृषक खेत को पानी से भर देते है जो कि मृदा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और मिट्टी की उर्वरता को प्रभावित करता है। “जल जीवन है” कार्यक्रम में कृषि जलदूतों ने उन्हें आवंटित प्रत्येक ग्राम में एक दिन बिताया और जलदूतों ने कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों के साथ बैनर, पोस्टर के साथ प्रभात फेरी निकालकर वर्षा जल संवर्धन हेतु नारे लगाकर जल बचाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया। जन संवाद के दौरान वर्षा जल संग्रहण हेतु सोकपिट, तालाब व कुओं से गाद निकालने, मेढ़ बंधान एवं ड्रिप, स्प्रिंकलर आदि सिंचाई के आधुनिक साधनों की जानकारी विस्तार से ग्रामीणों को बताई गयी। ग्रामीणों से पानी की समस्याएं पूछी गयीं और उनके समाधान हेतु उपायों पर चिंतन किया गया। हर एक गांव में 11 कर्मठ नव युवकों को जल बचाने के महत्व को बताकर वॉलेंटियर बनाए गए हैं ताकि वे ग्रामीणों को जलसंरक्षण के महत्व का और अधिक प्रचार-प्रसार कर सकें और भविष्य में सरकारी संस्थानों से जुड़कर स्वेच्छा से कार्य करते रहें। कार्यक्रम में  अतिथियों ने “जल जीवन है” कार्यक्रम को नाबार्ड द्वारा आयोजित करने की पहल को एक अनूठा कदम बताया। 
कृषि महाविद्यालय के डीन डॉ. शास्त्री ने कृषि जलदूतों को सबसे पहले अपने आत्मबल व चरित्र को उज्जवल बनाकर ग्रामीणों के बीच प्रभावशाली ढंग से उपस्थित होने की सलाह दी।  साथ ही उन्होंने कहा कि पानी बचाने के प्रयास की शुरुआत हमें अपने स्वयं के घर से आरम्भ करनी होगी। सी.ई.ई. अहमदाबाद के अधिकारी श्री मनीष पंचोली ने जल जीवन कार्यक्रम के सम्पूर्ण देश में आयोजन की प्रमुख बातों पर चर्चा की व श्री पाटील को बधाई दी। बैंक ऑफ इंडिया के आंचलिक प्रबंधक श्री कुंडू ने बताया कि जिस प्रकार जलप्रवाह की निरंतरता बनाए रखने के लिए लगातार रिचार्ज करने की आवश्यकता होती है उसी प्रकार बैंक के ऋणी को भी समय पर ऋण चुकाने हेतु सचेत करने का सुझाव जलदूतों को अपने आगामी कार्यक्रमों के माध्यम से करने का आग्रह किया। ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक ने जलदूतों को आश्वस्त किया कि किसानों की आवश्यकतानुसार उन्हें ड्रीप, स्प्रिंकलर, पाईपलाइन आदि के लिए सावधि ऋण सुविधा उपलब्ध कराएंगे।
नाबार्ड भोपाल के सहायक महाप्रबंधक श्री वी एस श्री राम एवं सी.ई.ई.के अधिकारी श्री पंचोली ने कार्यक्रम की उपयोगिता, कमियां एवं सुझाव की समीक्षा उपस्थित जलदूतों की सभी पांच टीमों के सदस्यों से विस्तार से की गयी। साथ ही श्री वी एस श्री राम ने किसान उत्पादक संघ (एफ.पी.ओ.) के बारे में सदन को विस्तार से बताया कि किसान की आर्थिक स्थिति सुधरने पर ही देश की आर्थिक स्थिति सुधरेगी और सही मायने में देश का आर्थिक विकास संभव हो सकेगा।  उन्होंने बताया कि किसान खेती के सामान फुटकर में खरीदकर थोक में अपनी उपज का विक्रय करते है। इसी कारण उन्हें उचित लाभ नहीं मिल पाता है।
डीब्रीफिंग कार्यक्रम में विशेष अतिथि डॉ. पी पी शास्त्री, डीन - भगवंत राव मण्डलोई कृषि महाविद्यालय, बैंक ऑफ इंडिया के आंचलिक प्रबंधक श्री विद्युत कुंडू, सहायक महाप्रबंधक, क्षेत्रीय कार्यालय, नाबार्ड के श्री वी एस श्रीराम, पर्यावरण और वन मंत्रालय के अन्तर्गत पर्यावरण शिक्षा केन्द्र (सी.ई.ई), अहमदाबाद के अधिकारी श्री मनीष पंचोली, नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री प्रदीप उपाध्याय, जिला अग्रणी प्रबंधक श्री बी के सिन्हा, उपसंचालक कृषि श्री ओ पी चोरे, कृषि विज्ञान केन्द्र के श्री डी के वाणी, सहायक संचालक आत्मा श्री आनंद सिंह सोलंकी पधारे। अंत में जिला विकास प्रबन्धक श्री मनोज पाटिल ने सभी उपस्थित अतिथियों का हार्दिक आभार व्यक्त किया एवं खंडवा जिले को जल जीवन कार्यक्रम को सफलता पूर्वक संपन्न कराने का श्रेयमास्टर ट्रेनर श्री परसाई और प्राथमिक कृषि साख समिति एवं अन्य जलदूतों को देकर कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।

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