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Monday 31 July 2017

मलेरिया एवं कुपोषण मुक्ति के लिए एक बड़ा अभियान चलायें - कलेक्टर श्री सिंह

मलेरिया एवं कुपोषण मुक्ति के लिए एक बड़ा अभियान चलायें 
- कलेक्टर श्री सिंह
आगामी 07 अगस्त तक मनाया जायेगा विष्व स्तनपान सप्ताह 
महिला बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्यषाला सम्पन्न

खण्डवा 31 जुलाई, 2017 - राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत डेंगू , मलेरिया और विष्व स्तनपान सप्ताह के तहत महिला बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कार्यषाला आयोजित की गई। कार्यषाला में जिला मलेरिया अधिकारी श्रीमती मनीषा जुनेजा द्वारा प्रेजेन्टेषन के माध्यम से डेंगू व मलेरिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही एडिज मच्छर के स्वभाव एवं उत्पत्ति स्थल के बारे में जानकारी प्रदान की गई। कलेक्टर श्री अभिषेक सिंह ने मलेरिया की दवाई कैसे और कब खाना होती है की जानकारी ली और साथ ही फाइलेरिया के लिए उपचार संबंधी जानकारी भी ली। मलेरिया अधिकारी द्वारा बताया गया कि फाइलेरिया के लक्षण 15-20 साल बाद प्रकट होते है और फाइलेरिया का कोई स्थायी इलाज नहीं है। इस बीमारी के जिले के खण्डवा में 4 और खालवा में 3 मरीज है। 
कार्यषाला में कलेक्टर श्री सिंह ने जिला पंचायत, मत्स्य विभाग, एवं वन विभाग आदि से सहयोग के लिए निर्देष दिए कहा कि मलेरिया एवं फाइलेरिया के लिए एक बड़ा अभियान चलाये और कल टीएल बैठक में एक बार सभी विभागों को जानकारी दी जाये। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देष दिए कि खण्डवा और खालवा में नाइट सर्वे हेतु टीम बनाये और फाइलेरिया की रोकथाम करें। 
कार्यषाला में कलेक्टर श्री सिंह ने कुपोषण के संबंध में कहा कि यह एक सामाजिक आर्थिक समस्या है इसका मूल कारण जागरूकता का न होना है। साथ ही कोरकू समाज द्वारा खालवा में बच्चों को प्रापर फीडिंग न देना, साफ सफाई आदि कारण भी है। उन्होंने डीपीओ श्री संजय भारद्वाज को निर्देष दिए कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं जन स्वास्थ्य रक्षकों को इस संबंध में ट्रेनिंग कराई जाये और  महिलाओं को जागरूक करें कि गर्भावस्था के समय से ही महिलाएं अपने खाने पर ध्यान दें ताकि बच्चों को प्रापर फीडिंग हो सकें और उन्हें पोषण मिल सके। उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराये। 
कार्यषाला में बताया गया कि 1 से 7 अगस्त तक विष्व स्तनपान सप्ताह मनाया जायेगा। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि बच्चों में दस्त, मलेरिया, आदि के केस ज्यादा आ रहे है इन पर ज्यादा ध्यान दिया जायें। साथ ही उन्हांेने सिविल सर्जन डॉ. ओ.पी. जुगतावत को निर्देष दिए कि ऐसे बच्चों का ऑंकड़ा कलेक्ट करें जो कोल्स्ट्रम से वंचित है। इस संबंध में एक कार्यषाला आयोजित करने के निर्देष महिला बाल विकास विभाग को दिए। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि षिषु मृत्यु दर को कम करने के लिए स्तनपान बहुत ही कारगार है और दो प्रसव के बीच अन्तर नहीं होगा तो स्तनपान प्रभावित हो जायेगा। कार्यषाला में 6 माह तक बच्चे को स्तनपान कराये उसके बाद ही बाहर का आहार दिया जावे और इस संबंध मंे भ्रांति को कम किया जाये। 

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