AAPKI JIMMEDARI

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Monday 6 March 2017

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विषेष

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विषेष



खण्डवा 06 मार्च, 2017 - खण्डवा कलेक्टर श्रीमती स्वाति मीणा नायक की पहल पर पंख से उड़ान कार्यक्रम के तहत महिलाओं को प्रोत्साहित करने हेतु ब्यूटी पार्लर के क्षेत्र की महिलाओं के साहस एवं मजबूती को दर्षाने वाली सफलता की कहानी का संकलन कराया गया ताकि अन्य महिलाओं को प्रेरणा मिल सकें, जो निम्नानुसार है -
श्रीमती अणिमा उबेजा -
खण्डवा जिले की प्रथम महापौर श्रीमती अणिम उबेजा बनी तथा राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा शहरी निकायांे के माध्यम से नारी शक्ति का उदाहरण प्रस्तुत करने तथा निकाय कार्यो में सक्रिय योगदान देने पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर 8 मार्च 2000 को नई दिल्ली में सम्मानित किया गया था। उन्हें पूर्व राज्यपाल द्वारा 1998 में राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान मंच द्वारा उत्कृष्ट महापौर सम्मान 1999 में दिया गया था। 
श्रीमती सीमा प्रकाष -
श्रीमती सीमा प्रकाष विषेष रूप से वंचित समाज के लिए जो कच्ची बस्तियों, फुटपाथों, गांवों में जीवन से संघर्ष करती नजर आती है। वे राष्ट्रीय भोजन के अधिकार अभियान का हिस्सा बनी और गरीबों को भोजन के अधिकार दिलाने के लिए प्रतिबद्ध रही। उसी दौरान उन्होंने खालवा के कोरमू बच्चों की मौत की खबर देखते ही वे खालवा पहॅुंची और कोरकू जनजाति में भूख, कुपोषण और मौत को देखा तब से वे कोरकू जनजाति के विकास के लिए सतत् प्रयासरत है। उनका सपना है कि कुपोषण मुक्त खालवा बनाना है और कोरकू समाज को सषक्त करना है ताकि वे एक सम्मानजनक जीवन बिता सकें । राष्ट्रपति सम्मान से नवाजी गई। 
श्रीमती पूजा जायसवाल -
श्रीमती पूजा जायसवाल ने ब्यूटी पार्लर का व्यवसाय खोला जो चेन्नई, इगतपुरी, वलसाड़, मनमाड़ आदि में इनके नाम से जाने लगा है। इसी से वह अपने परिवार का भरण पोषण कर रही है। इसके साथ ही वह बैतूल, विदिषा व बड़वाह आदि शहरों में जाकर अपनी सेवायें दे रही है। 
श्रीमती उमा खण्डेलवाल -
श्रीमती उमा खण्डेलवाल ने पहले स्कूल में जॉब करना शुरू किया फिर पति के कहने पर सिलाई केन्द्र की शुरूवात की। इसके बाद धीरे धीरे बुटिक डालकर अपने सपनों को पुरा किया और आज उसके पास बुटिक वर्कसाप है और खुद की फैषन डिजाइनिंग की क्लासेस भी है। साथ ही वह डिजाइनिंग कर साड़िया, लेहगें एव सूट बनाती है और सेल करती है। इससे उसका आर्थिक स्तर और मनोबल भी मजबूत हुआ और फेषन डिजाइनर बनकर अपनी एक अलग पहचान बना रही है। 
श्रीमती अनु अष्ठाना -
श्रीमती अनु अष्ठाना ने स्वरोजगार योजना से लोन लेकर एक किराये के कमरे में पार्लर का व्यवसाय चला रही है। इस व्यवसाय से वे अपने परिवार का भरण पोषण कर रही है और साथ ही 1 दर्जन से अधिक महिलाओं को भी रोजगार दे रही है। उन्होंने कहा कि जब हम हिम्मत करके आगे बढ़ते है तो सफलता का कारवां चल पड़ता है और लोग हमसे जुड़ते जाते है। जीवन में कभी हार नहीं मानना चाहिए , मेहनत करने वालों के लिये रास्ते हमेषा खुले रहते है। 
श्रीमती मधुबाला शेलार -
श्रीमती मधुबाला शेलार मूंदी ग्राम में लॉयनेस क्लब में चार्टर सदस्य के रूप में नियुक्त हुई। इसके बाद वह हमेषा समाज सेवा में तत्पर हो गई जैसे वृद्धापेंषन, राषनकार्ड बनवाना और महिलाओं बच्चों को हॉस्पिटल तक ले जाना।  साथ ही बिरला इंष्युरेंस कम्पनी में काम करना प्रारंभ किया और बहुत मेहनत की और सफलता हासिल की। इनको विज्ञान एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भोपाल में आयोजित ‘राष्ट्रीय सूर्य महोत्सव कार्यक्रम‘ सन् 2009 में मेडल प्रदान किया गया।  सेवा के क्षेत्र में कुल 40 अवार्ड और कई प्रमाण-पत्रों से सम्मानित हुई। 

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