विभिन्न समूहों की सहभागिता से ही संभव है सम्पूर्ण स्वच्छता
- सीईओ डॉ वरदमूर्ति मिश्र
ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन संबंधित 2 दिवसीय कार्यशाला आयोजित
खण्डवा 06 मार्च 2017 - समूह की सहभागिता के द्वारा ही स्वच्छता के सम्पूर्ण आयामांे को प्राप्त किया जा सकता है और इस लिये जिलेे की विभिन्न सभी सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक संस्थाओं का सहयोग स्वच्छता की अलख प्रत्येक ग्रामीण के मन मंे जगाने के लिये लिया जा रहा है। यह बात मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत खण्डवा डॉ. वरदमूर्ति मिश्र द्वारा स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की विस्तृत कार्य योजना बनाने संबंधी दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर सोमवार को कही गई। ज्ञात हो कि 06 एवं 07 मार्च को खुले में शौच मुक्त हो चुकी ग्राम पंचायतों में ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन की डीपीआर बनाने संबंधी प्रशिक्षण संबंधित अधिकारियांे व कर्मचारियों को दिया जा रहा है। सीईओ जिला पंचायत डॉ. मिश्र द्वारा बताया गया कि इन दो दिवसों में विभिन्न विभागों के जिन प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है उनका संसाधन समूह बनाया जायेगा एवं इस समूह के द्वारा खुले में शौच मुक्त हो चुकी ग्राम पंचायतों मे बनाये गये समन्वय दलों को ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन की डीपीआर बनाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा।
कार्यशाला के पहले दिन स्टेट रिर्सोस गु्रप के सदस्य श्री देवेन्द्र उपासनी एवं श्री विजय मिश्रा द्वारा प्रतिभागियो को बताया गया कि ग्राम पंचायतों में ठोस व तरल अपशिष्ट के क्या दुषपरिणाम होते है, ठोस अपशिष्ट को कितने भागों में विभाजित किया जा सकता है। ठोस व तरल अपशिष्ट के उचित निपटान हेतु किन प्रणालियों को अपनाया जा सकता है एवं किसी ग्राम पंचायत की विस्तृत कार्ययोजना किस प्रकार बनाई जाती है। प्रशिक्षण के दौरान कृषि विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, महिला बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे। इन सभी विभागो के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुये विभिन्न गु्रप बनाये गये एवं पंचायत में सम्पूर्ण स्वच्छता की कार्ययोजना बनाने में इन विभागों की क्या जिम्मेदारियां होगी इसकी जानकारी दी गयी। कार्यशाला के दौरान सभी प्रतिभागियों से स्वच्छता व स्वास्थ संबंधित प्रशनपत्र भी हल करवाये गये। स्वच्छ भारत मिशन की जिला समन्वयक श्रीमती शीतल सिंह द्वारा बताया गया कि प्रशिक्षक के दूसरे दिन 7 मार्च को सभी प्रतिभागियों को पंधाना जनपद की ग्राम पंचायत जलकंुआ का भ्रमण करवाकर जलकुंआ पंचायत की ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की विस्तृत कार्ययोजना बनवायी जायेगी।
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