पी.सी. एण्ड पी.एन.डी.टी. अधिनियम के तहत धर्म गुरूओं की कार्यषाला सम्पन्न
खण्डवा 2 मार्च, 2020 - गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीकी अधिनियम के तहत् शहर के धर्म गुरूओं की कार्यषाला शनिवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय खंडवा में आयोजित हुई। नोडल अधिकारी पीसी एण्ड पीएनडीटी डॉ. एन.के. सेठिया ने कहा कि समाज, समुदाय में धर्म गुरूओं की भूमिका अहम होती है जो समाज को एक नई दिषा देते है। वर्तमान में घटते हुए लिंग अनुपात के दुष्परिणामों से सभी भलीभांति परिचित है, महिला-पुरूष अनुपात में अंतर से आने वाले समय में सामाजिक समस्या उत्पन्न होगी। इसके लिए यह जरूरी होगा गया कि लड़का और लड़की में फर्क करना खत्म करना होगा। लिंग अनुपात में सुधार की दिषा में आप सभी का सहयोग भी महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में अधिक बच्चों की परवरिष करना बहुत कठिन होता है इसके लिए आवष्यक है कि एक या दो बच्चों में यदि लड़किया है तो उनकी अच्छी परवरिष और उनको अच्छी षिक्षा दी जायें। कार्यषाला में सिक्ख समुदाय से आर.एस. चावला, महंत गंगाराम बाबा नवचण्डीधाम, विरेन्द्र कुमार जैन अध्यक्ष दिगम्बर जैन समाज, सुभाष मेहता अध्यक्ष ष्वेताम्बर स्थानक वासी, मौलाना हाफिज मो. हाषिम मदरसा बोरगांव, मकसूद खान, पं. देवेन्द्र शास्त्री सर्व ब्राहम्ण समाज, कैलास शर्मा ब्राहम्ण समाज, इंचार्ज सेन्ट्रल मेथोडिस्ट चर्च के रेव्ह. जे.जो. डिवाईन पास्टर में सम्मिलित हुए और धर्म गुरूओं ने बेटी बचाव के बारे में विस्तृत विचार रखे।
कार्यषाला में डॉ. सेठिया द्वारा पीसी एण्ड पीएनडीटी अधिनियम की विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए बताया कि जिले में संचालित सोनोग्राफी सेंटर्स पर गर्भधारण पूर्व एवं प्रसवपूर्व निदान तकनीक अधिनियम के तहत् भ्रूण का लिंग परीक्षण करना व करवाना कानून अपराध है। इसमें 3 से 5 साल तक की सजा एवं 50 हजार से एक लाख तक का जुर्माना हो सकता है। उन्होंने कहा कि बेटा बेटी एक समान है बेटा बेटी में फर्क नहीं कराना चाहिए। समाज में इस संबंध में आपके के माध्यम से समझाईष दी जाती है, तो इससे भी पुरूष महिला अनुपात का अंतर कमी आयेगी। साथ ही भु्रण हत्या जैसे प्रकरण नहीं होगें वही राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम में भी प्रगति होगी।
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