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Monday, 18 November 2019

सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करने वालों को देना होगा 200 रू. का जुर्माना

सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करने वालों को देना होगा 200 रू. का जुर्माना

खण्डवा 18 नवम्बर, 2019 - भारत सरकार ने तम्बकू सेवन एवं ध्रूमपान बढ़ते उपयोग रोकने के लिए 18 मई 2003 को तम्बकू नियंत्रण अधिनियम बनाया गया। देश में 28.06 प्रतिशत लोग तम्बाकू का सेवन करते है वही मध्यप्रदेश में तम्बाकू सेवन करने वालों 34.2 प्रतिशत है, जिसमें पुरूष 50.2 व  महिला 
17.5 प्रतिशत एवं 13 से 18 वर्ष आयु के बच्चों का 14 प्रतिशत  म.प्र. में तम्बाकू व तम्बाकू पदार्थ का सेवन करते है। 
नोडल अधिकारी तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम डॉ. जीएस छाबडा दंत रोग विषेषज्ञ जिला चिकित्सालय ख्ंाडवा ने बताया कि तम्बाकू सेवन अधिनियम की धारा 4 के तहत् समस्त सार्वजनिक स्थान जैसे शासकीय, अर्द्धषासकीय कार्यालयों, शालाओं, अस्पतालांे, मनोरंजन केन्द्र, सभागृह, न्यायालय परिसर, पुस्तकालय, लोक परिवहन रेल्वे स्टेशन रेस्टोरेंट, प्रतीक्षालय व अन्य कार्य स्थल में धूम्रपान करना एवं सेवन करना प्रतिबंधित है  इन स्थानों पर ध्रूमपान करते पाये जाने पर रू. 200 का जुर्माना हो किया जाता है। अधिनियम धारा-5 के तहत प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप मे तंबाकू उत्पादो का प्रचार-प्रसार करना एवं विज्ञापन करना प्रतिबंधित है। यदि कोई धारा-5 का उल्लघंन करता है तो उसको अर्थदण्ड एवं कारावास का प्रावधान है। धारा-6 अ- के तहत 18 या 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चो को तंबाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है, धारा-6 बी के तहत शैक्षणिक संस्थानो पर 100 गज परिधि में तंबाकू विक्रय प्रतिबंधित है, धारा-6 मे शैक्षणिक स्थलो के 100 गज के दायरे मे गुमटी, दुकानो पर तंबाकू उत्पाद विक्रय करना प्रतिबंधित है। 
तम्बाकू जानलेवा है तम्बाकू के धुंए में 4 हजार किस्म के रसायन पाये जाते है जिसमें 60 तत्व कैंसर जैसे रोग उत्पन्न कर सकते है । तम्बाकू निकोटिन खाने से व्यक्ति को नशे का आदि बना देता है। तम्बाकू सेवन से शरीर के हर अंग को कैंसर से खतरा होता है, जिसमें गले, मंुह, फेफड़े, आहार नली, गूर्दा, रक्त, पेट, मूत्रालय, स्तन, लिवर और गर्भाशय जैसे कैंसर से प्रभावित होते है। फेफड़ों का सुकुड़ना तथा कौशिकाओं में गठान बनना, अस्थमा, हृदय संबंधी अंग का गल जाना, अपंगता आना, रक्त वाहिका में रक्त प्रवाह की रूकावट, मस्तिष्क से संबंधी रोग, नशावृत्ति, लकवा, मस्तिष्क की रक्त वाहिनियों में रूकावट, स्त्रियों में बांझपन, गर्भपात, समय से पहले बच्चें का जन्म, कम वज़न के बच्चे का जन्म, मरे शिशु का जन्म और शिशु में जन्मजात विकृतियां जैसी घातक बीमारी होती है। पुरूषों में नपुंसकता, शुक्राणुओं की कमी हेाती है। डॉ. छाबड़ा ने बताया कि तम्बाकू खाने व सिगरेट पीने की आदत छोडने के लिए टोल फ्री नं. 1800112356 प्रातः 8 बजे से रात्री 8 बजे तक सम्पर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते है।  

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