खुशियों की दास्तां
सरकारी मदद मिली तो सुरेन्द्र का व्यवसाय बढ़ा, और परिवार हुआ खुशहाल
खण्डवा 22 नवम्बर, 2019 - खण्डवा विकासखण्ड के ग्राम अमलपुरा में रहने वाले सुरेन्द्र जायसवाल के पिता खेती करते थे। जमीन सीमित थी, इसलिए सुरेन्द्र ने पढ़ाई पूरी की तो खेती के स्थान पर दूसरा व्यवसाय चुनने का निर्णय लिया। पहले घर की पूंजी लगाकर कपड़े की छोटी सी दुकान शुरू कर दी, लेकिन उस दुकान से इतनी आय नही हो पा रही थी कि वह अपने दो बच्चों और पत्नि सहित परिवार का अच्छी तरह पालन पोषण कर सके। सुरेन्द्र अपनी आय बढ़ाने के लिए व्यवसाय बढ़ाना चाहता था, लेकिन पूंजी के अभाव में ऐसा संभव नही हो रहा था। उसने गांव में अपने दोस्तो व रिश्तेदारों से सलाह की तो सभी ने उद्योग विभाग से किसी सरकारी योजना में ऋण लेकर व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए कहा।
एक दिन सुरेन्द्र उद्योग विभाग के जिला कार्यालय खण्डवा गया और वहां पूछताछ करने पर उसे मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के बारे में जानकारी मिली, वहां हाथोहाथ उसने फार्म भी भर दिया। कुछ ही दिनों में सुरेन्द्र का 3 लाख रू. का ऋण प्रकरण मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत उद्योग विभाग से स्वीकृत हो गया, जिसके आधार पर बैंक ऑफ इंडिया खेड़ी शाखा ने उसे 3 लाख रू. का ऋण दे दिया, जिसकी मदद से अब सुरेन्द्र ने रेडिमेड कपड़ों की दुकान अमलपुरा के बस स्टेण्ड के पास खोल ली। धीरे धीरे दुकान चल निकली। अब हर महीने बैंक की किश्त चुकाने के बाद भी सुरेन्द्र को 25-30 हजार रू. की आय हो जाती है, जिससे उसका परिवार अब बहुत खुश है। सुरेन्द्र अपनी बढ़ी हुई आय से अपने दोनों बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर उनका भविष्य उज्जवल बनाना चाहता है।
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