मेड़ नाली पद्धति से सोयाबीन खेती की सलाह
खण्डवा 15 जून,2015 - सोयाबीन की खेती के सम्बन्ध में कृषि विभाग द्वारा इस खरीफ मौसम में मेड़.नाली पद्धति से सोयाबीन की खेती करने के लिये किसानों को सलाह दी गई है। यह पद्धति जलवायु की विषम परिस्थितियों में अधिक उत्पादन के लिये उपयुक्त है। किसानों को बताया गया है कि मेड़ नाली पद्धति से बुवाई मेड़ों पर की जाती है। दो मेड़ों के बीच में लगभग 15 सेमी गहरी नाली बनाई जाती है। मिट्टी को फसल की कतारों की तरफ कर दिया जाता है।
बुवाई मेड़ों पर होने से अवर्षा की स्थिति में पर्याप्त नमी मिलती है। अतिवर्षा की स्थिति में अतिरिक्त पानी खेतों से बाहर निकल जाता है। तेज हवा के समय पौधों के गिरने की संभावना नहीं रहती है। खपतवार नियंत्रण में भी सुविधा होती है। पौधों को हवा एवं धूप पर्याप्त मिलती है, जिससे पौधे स्वस्थ होकर अधिक उत्पादन मिलता है।
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