किसान भाई बीज का उपचार व परीक्षण करके ही बोवनी करें
खण्डवा 19 जून,2015 - खरीफ फसलों की बुआई करने के पूर्व किसानों को फसलों की तैयारी करने के संबंध में कृषि विभाग द्वारा निर्देष जारी किए गए। उपसंचालक कृषि ने किसानों को सलाह दी है कि वे फसलों के उन्नतषील जातियों के बीजों का ही चयन करें। साथ ही फसलों के बीज जहां से भी खरीदे उसका पक्का बिल आवष्यक ले, बीज कि थैली उस पर लगे हुये टेग को संभाल कर रखे जिससे कि यदि भविष्य में किसी भी प्रकार की फसल संबंधित समस्या होने पर उसकी जांच में वह काम मंे आ सके। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि वे घरेलू अथवा बीज विक्रेताओं से खरीदे गये सोयाबीन बीजों की बोनी करने से पूर्व अंकुरण का परीक्षण अवष्य करें। अंकुरण परीक्षण करने हेतु घर पर ही 100 बीज गिनकर गीले टाट में 24 घण्टे रखकर बीज अंकुरित होने पर यदि अंकुरण 70 प्रतिषत से कम है। तो बीज की दर बढा लंेवें।
खरीफ कृषि आदान (खाद, बीज, कल्चर) का भण्डारण सहकारी समितियों में किया गया है। कृषक भाई सहकारी समितियों से कृषि आदान प्राप्त कर सकतें है। इसके अतिरिक्त निजी आदान विक्रेताओं के यहां भी कृषि आदान सामग्री उपलब्ध है। किसानों को सलाह दी गई है कि बीजों की बोनी ट्रायकोडर्मा 03 ग्राम या कार्बेन्डाजिम 02 ग्राम प्रति किलों की दर से बीजोपचार करें साथ ही अनुषंसित बीज दर का उपयोग कर बोनी करें। यदि घर का बीज उपयोग कर रहे हो तो वह बीज सुधार कर उसकी ग्रेडिंग करें व उसका भी अंकुरण प्रतिषत की जांच उपरोक्त लिखित विधि से करें।
फसलों की बीज व्यवस्था के साथ ही कल्चरों की व्यवस्था कर उसका उपयोग करें। भूमि में उचित नमी या पर्याप्त वर्षा होने के बाद ही बोनी करें। सोयाबीन में रिज एण्ड फरों पद्धति (कूड नाली पद्धति- पंजी लगाकर) से बुआई करें जिससे कम वर्षा या अधिक वर्षा के कारण होने वाली फसल क्षति से बचा जा सकें। एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे कि जिंक सल्फेट, जिप्सम आदि का उपयोग कर फसलों को व्याधि से बचाव के साथ ही उत्पादन में वृद्धि करें।
क्रमांक/98/2015/653/षर्मा
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