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Tuesday 30 June 2015

महिलाओं के अधिकारों के बारे में दी जानकारी

महिलाओं के अधिकारों के बारे में दी जानकारी


खण्डवा 30 जून,2015 - जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री गौरीषंकर दुबे के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने महिला सशक्तिकरण विभाग के सहयोग से जनपद पंचायत के सभाकक्ष में महिलाओं के अधिकारों के संबंध में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 
इस कार्यक्रम में संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व न्यायाधीश श्री हेमन्त कुमार यादव, ने कहा कि महिलाएं राष्ट्र की निर्माता है और देश के समुचित विकास मंे उनकी अहम भूमिका है, आज प्रत्येक क्षेत्र मंे महिलाओं की अद्वितीय भूमिका के कारण भारत विकासशील देशों में सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि देश में व्याप्त अधिकांश समस्याओं का कारण लोगों द्वारा अपने-अपने कर्तव्यों का पालन न करने के कारण उत्पन्न होती है। यदि देश का प्रत्येक नागरिक अधिकारों के अपेक्षा कर्तव्यों का निर्वाह करें तो समस्याओं का स्वतः निराकरण हो जायेगा। उन्होंने महिलाओं के हितार्थ प्रवर्तनीय विधियों में से भारतीय दण्ड संहिता में दिये गये प्रावधानों जिनमें धारा 294, 354, 312, 304-बी, 494, 498-ए, एवं दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125, भरण पोषण तथा समान्य कार्य के लिए समान्य वेतन अधिनियम, उत्तराधिकार अधिनियम, दहेज प्रतिषेध अधिनियम, एवं बाल विवाह अधिनियम आदि की सविस्तार जानकारी उपलब्ध करायी। 
इस अवसर पर जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री वीरेन्द्र खरे, ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा महिलाओं के हितार्थ योजनाओं की जानकारी दी एवं विधिक सहायता किस प्रकार और कैसे तथा क्या-क्या विधिक सहायता उपलब्ध करायी जाती है, कि जानकारी के साथ आज के युग में लोक-अदालत तथा मध्यस्थता की आवश्यकता एवं महत्व पर प्रकाश डाला। श्रीमती अनीता सिंह, ने घरेलू हिंसा के प्रावधानों व उनके उल्घंन पर कार्यवाही संबंधी प्रक्रिया की जानकारी दी कार्यक्रम का संचालन श्री राजेश शुक्ला ने किया। उक्त कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण अधिकारी, श्रीमती रीना नाथ, श्रीमती कनौजे, संरक्षण अधिकारी तथा शौर्या दल के सदस्यगण एवं ऑंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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