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Saturday 31 August 2019

स्वरोजगार के लिए मिली मदद, तो देवकी बनी आत्मनिर्भर

खुशियों की दास्तां

स्वरोजगार के लिए मिली मदद, तो देवकी बनी आत्मनिर्भर

खण्डवा 31 अगस्त, 2019 - प्रदेश सरकार ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बहुत सी स्वरोजगार योजनाएं संचालित की है। इन योजनाओं में मिली मदद से युवा अपने सपने साकार कर रहे है। इन्हीं में से एक है सुश्री देवकी पिता माणिकलाल , जिन्होंने अपने परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के बावजूद स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद पी.जी.डी.सी.ए. तथा टाईपिंग की परीक्षा पास कर ली। कुछ दिनों तक दूसरों के संस्थानों में टाईपिंग का कार्य किया, लेकिन इस सब में मेहनताना बहुत कम मिलता था। देवकी का सपना था कि उसका खुद का कम्प्यूटर सेंटर हो जिससे वह खुद तो आत्म निर्भर बने ही और दूसरों को भी रोजगार दे सके। लेकिन परिवार की आर्थिक हालत ऐसी नही थी कि वह स्वयं का कम्प्यूटर सेंटर प्रारंभ कर पाती।  
  एक दिन देवकी को पता लगा कि अन्त्यावसायी सहकारी विकास समिति द्वारा संचालित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में उसे कम्प्यूटर सेंटर प्रारंभ करने के लिए ऋण मिल सकता है। फिर क्या था देवकी ने अन्त्यावसायी कार्यालय में सम्पर्क कर आवेदन कर दिया। कुछ दिनों बाद उसे खबर मिली की उसका प्रकरण स्वीकृत हो गया है। इस योजना में मिली मदद से देवकी ने 6 कम्प्यूटर व अन्य सामग्री क्रय कर दुकान किराये से ली और अपना व्यवसाय प्रारंभ कर दिया। देवकी बताती है कि उसे यूनियन बैंक से 1.50 लाख रू. का ऋण मिला, जिसमें 45 हजार रू. का अनुदान भी शामिल था। आज देवकी बैंक ऋण की किश्ते तो नियमित रूप से चुका ही रही है और साथ ही कम्प्यूटर सेंटर से अन्य युवाओं को कम्प्यूटर प्रशिक्षण देकर नियमित आय भी कर रही है। देवकी कहती है कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत मिली मदद से स्वयं का कम्प्यूटर सेंटर प्रारंभ करने का उसका सपना साकार हो गया है। 

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