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Tuesday 27 August 2019

खण्डवा जिले में कुल 7 आंगनवाड़ी बाल शिक्षा केन्द्रों का आज होगा शुभारंभ

खण्डवा जिले में कुल 7 आंगनवाड़ी बाल शिक्षा केन्द्रों का आज होगा शुभारंभ

खण्डवा 27 अगस्त 2019 - प्रदेश में प्रत्येक विकास खण्ड के एक आँगनवाड़ी केन्द्र को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रथम चरण में 28 अगस्त को प्रदेश में कुल 313 आँगनवाड़ी केन्द्रों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में शुरू किया जा रहा है। इसी क्रम में खण्डवा जिले के सातों विकासखण्ड में भी एक-एक आंगनवाड़ी बाल शिक्षा केन्द्र का शुभारंभ 28 अगस्त से हो जायेगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती अंशुबाला मसीह ने बताया कि जिले के जिन आंगनवाड़ी केन्द्रों को आंगनवाड़ी बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में अब संचालित किया जायेगा, उनमें छैगांवमाखन विकासखण्ड के ग्राम सिर्रा स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक-2, बलड़ी विकासखण्ड में गिट्टी खदान स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक-3, पंधाना विकासखण्ड में पाडल्या ग्राम में स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक-2, खालवा विकासखण्ड में ग्राम मछोड़ी के आंगनवाड़ी केन्द्र, पुनासा विकासखण्ड के मूंदी में वार्ड क्रमांक-12 में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र, हरसूद विकासखण्ड के ग्राम मांडला स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक-3 तथा खण्डवा विकासखण्ड के ग्राम डिगरिस स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र शामिल है। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती मसीह ने बताया कि बताया कि ये सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों को आंगनवाड़ी बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में 28 अगस्त को समारोह पूर्वक जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में शुभारंभ किया जायेगा। 
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती मसीह ने बताया कि बाल शिक्षा केन्द्रों के माध्यम से प्रदेश में शासकीय एवं निजी क्षेत्रों में 6 वर्ष की उम्र तक के बच्चों के समुचित विकास के लिये प्री-प्रायमरी संस्थाओं का नियमन, निगरानी एवं मूल्यांकन संभव होगा। प्रदेश स्तर पर भी शाला पूर्व शिक्षा नीति तथा नियामक दिशा-निर्देश बनाये जा रहे हैं। आँगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिये 19 विषय का माहवार पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। सत्र में स्वयं की पहचान, मेरा घर, व्यक्तिगत साफ-सफाई, रंगों और आकृति, तापमान एवं पर्यावरण, पशु-पक्षी, यातायात के साधन और सुरक्षा के नियम, हमारे मददगार मौसम और बच्चों का आत्म-विश्वास तथा हमारे त्यौहार शामिल हैं। बाल शिक्षा केन्द्र में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के आयु समूह के अनुसार 3 एक्टीविटी वर्क बुक तैयार की गई है। बच्चों के विकास की निगरानी के लिये शिशु विकास कार्ड बनाये गये हैं।
आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिये दिशा-निर्देश
         बाल शिक्षा केन्द्र में आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिये बच्चों को वर्षभर में करवाई जाने वाली गतिविधियों का संकलन तथा मासिक तथा साप्ताहिक कैलेण्डर की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इसके तहत 3 से 6 वर्ष के बच्चों के विकास का अवलोकन करने के लिये आयु समूह के अनुसार शिशु विकास कार्ड बनाये गये हैं। आँगनवाड़ी छोड़ते समय बच्चों को दिये जाने वाले प्रमाण-पत्र और प्रतिवर्ष पी.एस.ई. किट उपलब्ध कराई जा रही है। निपसिड से प्रशिक्षित स्टेट रिसोर्स ग्रुप के द्वारा राज्य-स्तरीय मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित किये गये हैं। इन ट्रेनर द्वारा पर्यवेक्षकों को ‘हेण्डस-ऑन‘ प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को इसका प्रशिक्षण, पर्यवेक्षकों द्वारा दिया जा रहा है।
बच्चों को खेल-खेल में दी जायेगी शिक्षा
आँगनवाड़ी शिक्षा केन्द्रों में खेल-खेल में बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिये दैनिक गतिविधियाँ होगी। इसमें क्रियात्मक खेल, रचनात्मक नाटक अथवा नकल करने वाले खेल, सामूहिक और नियमबद्ध खेल शामिल हैं। इन केन्द्रों पर खेलों के आधार पर बच्चों से अलग-अलग गतिविधियाँ करवाई जायेंगी। केन्द्रों पर प्रतिदिन 3 से 4 घन्टे शाला पूर्व शिक्षा के लिये निर्धारित हैं। 
बच्चों को आकर्षित करने के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों में की जायेगी रंग-बिरंगी साज सज्जा 
          बच्चों को आकर्षित करने के लिये आँगनवाड़ी बाल शिक्षा केन्द्र में रंग-बिरंगी साजसज्जा की जाएगी। कक्ष में दीवारों पर चार्ट, पोस्टर, कटआऊट आदि लगाये जायेंगे। बच्चों द्वारा बनाई गई सामग्री का भी प्रदर्शन किया जायेगा। बड़े समूह की गतिविधियों के लिये कक्ष के एक कोने में मंच की व्यवस्था रहेगी,जहाँ बच्चे विभिन्न तरह की गतिविधियाँ प्रस्तुत कर सकेंगे। बाल शिक्षा केन्द्र के कक्ष के अन्दर का वातावरण छोटे बच्चों की रूचि एवं विकासात्मक आवश्यकताओं के अनुसार बनाया गया है। बच्चों के मनोरंजन के लिये अलग-अलग कोने जैसे गुडि़या घर का कोना, संगीत का कोना, कहानियों का कोना, विज्ञान एवं पर्यावरण प्रयोग का कोना आदि बनाए गए हैं।

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