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Friday 11 March 2016

ग्राम नावली के सूचना षिविर में किसानों को बाँटी गई प्रचार सामग्री

ग्राम नावली के सूचना षिविर में किसानों को बाँटी गई प्रचार सामग्री
अधिकारियों ने किसानों की सभा में दी योजनाओं की जानकारी


खण्डवा 11 मार्च, 2016 - प्रदेष सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी आम नागरिकों को हो सके इसके लिए जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रचार सामग्री प्रकाषित की जाती है। विभाग द्वारा सभी विभागों की योजनाएं एक साथ शामिल करते हुये एक अत्यन्त उपयोगी पुस्तक आगे आयें लाभ उठायें प्रकाषित की गई है। इस पुस्तक का वितरण छैगांवमाखन विकासखण्ड के ग्राम नावली के ग्रामीणों को किया गया। इसके साथ ही नावली में आयोजित सूचना षिविर में विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा अपने अपने विभाग की योजनाओं के बारे में ग्रामीणों को बताया गया। इस दौरान ग्रामीणों को अनुसूचित जाति व जनजाति तथा महिला सषक्तिकरण , विभागों की योजनाओं की जानकारी देने वाला प्रचार साहित्य भी वितरित किया गया। कार्यक्रम में उपसंचालक कृषि श्री ओ.पी.चौरे, कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम.के.कुरील , ग्रामीण उद्यानिकी विस्तार अधिकारी सुश्री आरती शर्मा , लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के उपयंत्री श्री के.आर. प्रचण्ड , पषु चिकित्सा अधिकारी डॉ. ज.ेएस.जमरे , वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री ए.एल. मालवीय , कृषि विस्तार अधिकारी श्री राकेष जमरे व जितेन्द्र सोलंकी एवं किसान सभा अध्यक्ष श्री उस्मान भाई भी मौजूद थे।
किसानों को  उपसंचालक कृषि श्री ओ.पी.चौरे ने किसान सभा में संबोधित करते हुये कहा कि प्रदेष सरकार खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। प्रदेष सरकार की सफल नीतियों के कारण लगातार 3-4 वर्षो से हमारे प्रदेष को कृषि कर्मण पुरूस्कार मिल रहा है। उन्होंने कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाने के उद्देष्य से कृषि के लिए बिना ब्याज पर ऋण दिया जा रहा है। साथ ही किसानों को फसल की अच्छी कीमत दिलाने के लिए समर्थन मूल्य पर प्रदेष सरकार द्वारा अलग से बोनस भी दिया जा रहा है। उन्होंने इस दौरान उपस्थित किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के बारे में बताया। श्री चौरे ने उपस्थित किसानों को नई फसल बीमा योजना के बारे में भी बताया और कहा कि अब किसानों को प्राकृति आपदा की स्थिति में नुकसान होने व अन्य कारणों से फसल क्षति होने पर बीमा योजना से राहत मिलेगी। उन्होंने किसानों को अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण कराने के लिए मिट्टी का सेम्पल लेने का तरीका भी सिखाया। उन्होंने किसानों को जैविक तरीकों से कीटनाषक व नाडेप खाद तैयार करने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि जैविक खाद से फसल तो अच्छी होती ही है साथ ही खेत की मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है। 
कृषि वैज्ञानिक डॉ. कुरील ने सूचना षिविर मंे किसानों को नाडेप पद्धति से जैविक खाद बनाने की विधि विस्तार से समझाइ तथा कहा कि नाडेप पद्धति से जहां एक और उन्नत किस्म की जैविक खाद बिना लागत के किसानों को मिल जाती है, वहीं दूसरी और गांव की गदंगी एवं गौबर भी उपयोग में आने से गांव में साफ सफाई बनी रहती है। उन्होंने इस दौरान नीम के पत्तों , नीम की निम्बोली , छाछ , व लेहसून मिर्ची से जैविक कीटनाषक तैयार करने की विधि भी किसानों को समझाइ। उन्होंने बताया कि गौमूत्र एक अच्छा जैविक कीटनाषक है।
कार्यक्रम में पषु चिकित्सा विभाग के डॉ. जमरे ने पषुओं के टीकाकरण के लाभ के बारे में ग्रामीणों को समझाया। उन्होंने पषु पालकों को उन्नत नस्ल के पषुपालन की सलाह दी। इस दौरान उद्यानिकी विभाग की सुश्री शर्मा ने इस अवसर पर बताया कि उद्यानिकी फसलों से किसानों को कम जमीन पर अधिक आय प्राप्त होती है। उन्होंने किसानों को मल्चींग , स्प्रिंकलर, व ड्रीप एरिगेषन पद्धति के बारे में भी जानकारी दी। 

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