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Thursday 10 March 2016

ग्राम कोरगला के किसानों को दी योजनाओं की जानकारी

ग्राम कोरगला के किसानों को दी योजनाओं की जानकारी
सूचना षिविर में वितरित की गई प्रचार सामग्री


खण्डवा 10 मार्च, 2016 - प्रदेष सरकार द्वारा अनेकों जन कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है, लेकिन जानकारी के अभाव में इन ष्योजनाओं का लाभ कई ग्रामीणजन नहीं ले पाते है। ऐसे ग्रामीणों को सरकार की नई नई योजनाओं की जानकारी देने के लिए सूचना षिविरों का आयोजन किया जाता है। इसीक्रम में आज खण्डवा विकासखण्ड के ग्राम कोरगला मंे किसानों को प्रदेष सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के लिए सूचना षिविर का आयोजन किया गया। जिसमें जिला जनसम्पर्क कार्यालय खण्डवा द्वारा जनसम्पर्क विभाग से प्राप्त पुस्तक ‘‘आगे आयंे लाभ उठायें‘‘ तथा अन्य योजनाओं से संबंधित प्रचार साहित्य उपस्थित किसानों को वितरित किया गया। उपसंचालक कृषि श्री ओ.पी.चौरे ने इस दौरान उपस्थित किसानों को बताया कि हाल ही में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना से किसानों को काफी राहत मिलेगी। उन्होंने योजना के बारे में विस्तार से बताया। श्री चौरे ने उपस्थित ग्रामीणों को नई फसल बीमा योजना के बारे में भी बताया और कहा कि अब किसानों को प्राकृति आपदा की स्थिति में नुकसान होने व अन्य कारणों से फसल क्षति होने पर बीमा योजना से राहत मिलेगी। उन्होंने किसानों को अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण कराने तथा जैविक तरीकों से कीटनाषक व नाडेप खाद तैयार करने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि जैविक खाद से फसल तो अच्छी होती ही है साथ ही खेत की मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है। उपसंचालक श्री चौरे ने कहा कि गत वर्षो में रासायनिक उर्वरकों के अन्धाधुन्ध प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर हुई है। 
उपसंचालक कृषि श्री चौरे ने इस अवसर पर किसानों को समझाइष दी कि वे खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए खेती के साथ साथ उद्यानिकी फसलें तथा पषुपालन व डेरी व्यवसाय भी अपनायें तभी उन्हें भरपूर आय प्राप्त होगी। उन्होंने किसानों को मिट्टी के परीक्षण कराने की सलाह भी दी तथा मिट्टी परीक्षण के लिए मिट्टी का सेम्पल लेने की विधि समझाइ। इस दौरान कृषि वैज्ञानिक डॉ. के.सी.जैन ने किसानों को भूनाडेप बनाने की विधि विस्तार से समझाइ तथा कहा कि नाडेप पद्धति से जहां एक और उन्नत किष्म की जैविक खाद बिना लागत के किसानों को मिल जाती है, वहीं दूसरी और गांव का कूड़ाकरकट एवं गौबर भी उपयोग में आने से गांव में स्वच्छता बनी रहती है। उन्होंने इस दौरान नीम के पत्तों , नीम की निम्बोली , छाछ , व लेहसून मिर्ची से जैविक कीटनाषक तैयार करने की विधि भी किसानों को समझाइ। उन्होंने बताया कि गौमूत्र एक अच्छा जैविक कीटनाषक है।
कार्यक्रम में पषु चिकित्सा विभाग के श्री डी.के. श्रीवाल ने उन्नत नस्ल के पषुपालन से लाभ तथा पषुओं के टीकाकरण के बारे में ग्रामीणों को समझाया कि उद्यानिकी विभाग के श्री टी.के.पंवार ने किसानों को उद्यानिकी मिषन के तहत दी जाने वाली सहायता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी फसलों से किसानों को कम जमीन पर अधिक आय प्राप्त होती है। उन्होंने किसानों को मल्चींग , स्प्रिंकलर, व ड्रीप एरिगेषन पद्धति के बारे में भी जानकारी दी। कार्यक्रम में सरपंच श्री प्रकाष पटेल , वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री आर.एन.डोंगरे , ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री डी.के.तारे , पटवारी व किसान मित्र भी मौजूद थे।

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