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Thursday, 9 July 2015

प्रायमरी और मिडिल स्कूलों में होगी प्रबंधन समिति गठित

प्रायमरी और मिडिल स्कूलों में होगी प्रबंधन समिति गठित
2 वर्ष के लिए गठित समिति में 50 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे

खण्डवा 9 जुलाई,2015 राज्य शासन ने सभी जिला कलेक्टर को शासकीय एवं अनुदान प्राप्त प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में शाला प्रबंधन समिति का गठन करवाने के निर्देश दिये हैं। निरूशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार शालाओं में गठित प्रबंधन समितियों का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है। यह समितियाँ दो वर्ष तक कार्य करती हैं। 
षिक्षा का अधिकारी अधिनियम के नियम में विगत वर्ष में किये गये संशोधन के बाद प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला स्तर पर समितियों के गठन की संरचना का पुनर्निर्धारण किया गया है। प्राथमिक शाला समिति में अधिकतम 18 सदस्य होंगे। न्यूनतम तीन चौथाई सदस्य विद्यार्थियों के पालक या अभिभावक में से होंगे। सदस्यों में वंचित समूह और कमजोर वर्ग के बच्चों के पालकों या अभिभावकों का प्रतिनिधित्व कुल नामांकन में उनके प्रतिशत के अनुपात में होगा। दो सदस्य स्थानीय प्राधिकारी के निर्वाचित प्रतिनिधि होंगे। प्रधान या वरिष्ठतम शिक्षक और महिला शिक्षक सदस्य होंगे। प्रधान या वरिष्ठ शिक्षक पदेन सदस्य सचिव होगा। समितिमें 50 प्रतिशत सदस्य महिलाएँ होंगी। माध्यमिक शाला की समिति अधिकतम 16 सदस्यीय होगी। इसकी संरचना भी प्राथमिक शाला प्रबंधन समिति के समान रहेगी।
शाला में महिला शिक्षक की पदस्थापना न होने पर स्थान रिक्त रहेगा। महिला शिक्षक की पदस्थापना के बाद समिति में उसका नामांकन होगा। समिति के अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया एवं तिथि से सदस्यों को अवगत करवाया जायेगा। निर्वाचन के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जायेगी। पदेन सदस्य सचिव प्रधान या वरिष्ठ अध्यापक अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए निर्वाचन अधिकारी होंगे। निर्वाचन में सर्वाधिक मत प्राप्त करने वाले को निर्वाचित घोषित किया जायेगा। उपाध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया भी अध्यक्ष के निर्वाचन के समान होगी। नियम में किये गये संशोधन के अनुसार अध्यक्ष पद पर महिला का निर्वाचन न होने पर उपाध्यक्ष के पद पर महिला सदस्यों में से निर्वाचन किया जायेगा। उपाध्यक्ष पद के लिए इच्छुक सदस्यों से नामांकन-पत्र प्राप्त किये जायेंगे। शेष निर्वाचन प्रकिया अध्यक्ष पद के अनुसार रहेगी।
समिति का कार्यकाल पहले के अनुसार दो साल का रहेगा। समिति के गठन की सूचना जनशिक्षक को दी जायेगी। जनशिक्षक अपने केन्द्र की जानकारी संकलित कर विकासखण्ड स्त्रोत केन्द्र समन्वयक को भेजेंगें। बीआरसी विकासखण्ड की संकलित जानकारी जिला परियोजना समन्वयक को भेजेंगें। डीपीसी द्वारा एकत्रित जानकारी राज्य शिक्षा केन्द्र को भेजी जायेगी। नई समितियाँ गठित होने पर पूर्व में गठित समितियों का कार्यकाल स्वतरूसमाप्त हो जायेगा। शासन ने जिलों के कलेक्टर को निर्धारित समय-सारणी के अनुसार समितियों के गठन की कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा है।
क्रमांक/69/787/2015/षर्मा

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