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Wednesday, 1 July 2015

किसानों को सलाह

किसानों को सलाह

खण्डवा 1 जुलाई,2015 - उप संचालक कृषि श्री ओ.पी.चौरे ने जिले के कपास उत्पादक किसानों को सलाह दी है कि कपास फसल में फसल सूखने की समस्या होने पर यूरिया  का दो प्रतिषत घोल  तैयार करें इसके लिए वे 100 लीटर पानी में  दो किलोग्राम यूरिया घोलें। इस घोल को 15 पौधे प्रति पम्प के मान से जड क्षेत्र में छिड़काव करें। उन्होंने बताया कि फसल लाल होने पर एक प्रतिषत यूरिया व पोटाष के घोल का जड क्षेत्र में छिड़काव करें। कपास फसल में उर्वरकों को देने के लिये कॉलम पद्धति का उपयोग करें । उन्होंने सलाह दी है कि जो किसान ड्रिप से सिंचाई कर रहे है वह ड्रिप से सिंचाई की अवधि बडा देवें तथा कोलपा व डोरा निंरतर चलाते रहे, जिससे कि मिट्टी नमी संरक्षित रहे। उन्होंने सोयाबीन एंव अन्य फसलों के लिए सुझाव दिया है कि सोयाबीन व अन्य फसलों की जीवन दायनी सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर पद्धति से सिंचाई करें । जहां पर फसलें दो सप्ताह की हो चुकी है उस खेत में डोरा या कोलपा के द्वारा अतःकर्षण करें जिसे की मिट्टी में नमी हानि को रोक सकते है । सोयाबीन फसल के खरपतवारों के नियंत्रण के लिये नींदाई, गुड़ाई का कार्य करें। उप संचालक कृषि श्री चौरे ने किसानों को समझाईष दी है कि वे कपास की फसल में ड्रीप (बंूद-बूंद) सिंचाई पद्धति से सिंचाई करें एवं सोयाबीन, मूंग, उड़द, मक्का एवं खरीफ फसलों में साथ ही यदि खरपतवारों अधिक मात्रा में है तो इमाझेथापीर क्विझालोफॉप इथाइल क्विझालोफॉप-पी -टेफूरील फिनोक्सीप्रॉप-पी-इथाइल 1 लीटर प्रति हेक्टेयर के मान से या क्लोरीमुरान इथाइल दर 36 ग्राम प्रति हेक्टेयर के मान से  छिड़काव कर खरपतवार नियंत्रण अवष्य रूप से करें।    
   क्रमांक/06/730/2015/षर्मा

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