खरीफ मौसम में किसान कपास की बुआई में देवें ध्यान
खण्डवा 20 जून, 2017 - भारत सरकार की अनुवांषिक अभियांत्रिकी अनुमोदन समिति (जी.ई.एस.ई.) की अनुषंसा के अनुसार कुल बोया गया बी.टी. क्षेत्र का 20 प्रतिषत अथवा 5 कतारें जो भी अधिक हो मुख्य फसल के चारों ओर उसी किस्म का नान बी.टी. वाला बीज (रिफ्यूजिया) लगावे यह अत्यंत आवष्यक है। बाजार में उपलब्ध बी.टी. कपास बीज के साथ जो नान बी.टी. कपास फसल की बागड़ के रूप में बुआई करें। नान बी.टी. (120 ग्राम बीज) उसी कपास बीज पैकेट के साथ आता है जिससे बुआई करना नितांत आवष्यक है। इस तरह बुआई करने पर डेंडू छेदक कीटों (इल्लियों से) बचाव की क्षमता विकसित होती है और कीटों का नियंत्रण आसान होता है। यदि रिफ्यूजिया नहीं लगाते है तो डेंडू छेदक कीटों में धीरे-धीरे बी.टी. के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जावेगी एवं भविष्य में बी.टी. में भी डेंडू छेदक इल्लियों का प्रकोप होने लगेगा। इसलिये किसान भाई रिफ्यूजिया की बागड लगावें।
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