बाल मनोविज्ञान, संकेत भाषा विशेषज्ञ एवं अनुवादक के पेनल हेतु आवेदन आमंत्रित
खण्डवा 19 जुलाई, 2021 - महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले में किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 का क्रियान्वयन किया जा रहा है। किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के तहत 18 वर्ष तक के “विधि विरुद्ध कार्यों में लिप्त” एवं ‘देखरेख और संरक्षण के जरूरतमंद बालकों” के भरण पोषण स्वास्थ्य सुरक्षा संरक्षण एवं सामाजिक, मानसिक, पारिवारिक एवं आर्थिक पुनर्वास की कार्यवाही की जाती है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि “विधि विरुद्ध कार्यों में लिप्त” एवं ‘देखरेख और संरक्षण के जरूरतमं बालकों” के साथ संवेदनशीलता के साथ संवाद करने, बालको कों अवसाद की स्थिति से बाहर निकालने, उनका मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक विकास करने एवं बच्चे कों ऐसी घटनाओं से बाहर निकालने के लिए अनुभवी बाल मनोविज्ञान विशेषज्ञ तथा किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत संचालित संस्था में प्रवेशित बालक जो प्रदेश में बोली जाने वाली भाषा समझने में असफल रहता है अथवा विशेष आवश्यकता वाला बालक है जो संकेतिक भाषा समझता है ऐसे बालकों के पुनर्वास के लिए अनुवादक एवं संकेतिक भाषा विशेषज्ञ की आवश्यकता है। इसके लिए निम्नानुसार अहर्ता होनी चाहिए, जिसमें बाल मनोविज्ञान विशेषज्ञ हेतु मनोविज्ञान विषय के साथ एम.फिल./मास्टर/बैचलर डिग्री अथवा डिप्लोमा धारी हो। संकेत भाषा विशेषज्ञ हेतु भारतीय सुधार परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त किसी संस्था से संकेत भाषा या विशेष शिक्षा में स्नातक/डिप्लोमा/विशेष बी.एड. किया और जो Composite Regional Centre For Persons With Disabilities में पंजीकृत हो। द्विभाषी या अनुवादक कों किसी राज्य, क्षेत्र की भाषा के साथ हिंदी का अच्छा ज्ञान होना चाहिए।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि बाल मनोविज्ञान विशेषज्ञ, संकेत भाषा विशेषज्ञ एवं दुभाषियों/अनुवादक के पेनल हेतु आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। अधिक जानकारी एवं आवेदन के लिए कार्यालय जिला बाल संरक्षण अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, जनपद पंचायत परिसर, सिविल लाइन खंडवा में कार्यालयीन समय पर संपर्क किया जा सकता है।
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