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Tuesday 24 September 2019

सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए उपयोगी सलाह

सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए उपयोगी सलाह

खण्डवा 24 सितम्बर, 2019 - कुछ स्थानों पर सोयाबीन की शीघ्र पकने वाली किस्में कटाई करने योग्य अवस्था में है। अतः उपसंचालक कृषि श्री आर.एस. गुप्ता ने किसान भाईयों को सलाह दी है कि सोयाबीन की फलियों को चटकने से होने वाले नुकसान को बचाने तथा बारिष से सोयाबीन बीज की गुणवत्ता बनाये रखने हेतु शीघ्रातिषीघ्र सोयाबीन की फसल को कटाई सोयाबीन की फलियों का रंग बदलने पर कर सुरक्षित स्थान पर इकट्ठा कर तारपोलिन से ढंक कर रखें। कृषकांे को यह भी सलाह है कि विगत सप्ताह हुई बारिष के कारण प्रभावित कटी हुई सोयाबीन को शीघ्रातिषीघ्र सूखे स्थान पर स्थानांतरित करें एवं दिन में 2-3 बार उलट-पुलट करके सुखाएं एवं अच्छी तरह सूखने पर गहाई करें। मध्यम अवधि एवं देरी से पकने वाली सोयाबीन में लगातार बारिष होने पर फलियों में अंकुरण रोकने हेतु कृषकों को सलाह दी जाती है कि फसल पर एबसीसिक एसिड ए.बी.ए. 5 ग्राम प्रति 500 लीटर पानी 10 पी.पी.एम. का छिडकाव करें। 
                उपसंचालक कृषि श्री गुप्ता ने बताया कि आगामी वर्ष बोनी हेतु उपयोगी सोयाबीन बीज के लिये उगाई गई सोयाबीन की गहाई 350 से 400 आर.पी.एम. वाले थ्रेषर से करें, जिससे कि बीज अंकुरण पर विपरीत प्रभाव ना हो। जहाँ पर देरी से पकने वाली किस्में लगाई गई हों, सोयाबीन की फसल पर एन्थ्रेकनोज एवं पॉडब्लाईट के नियंत्रण हेतु थायोफिनाईट मिथाइल 1 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर अथवा टेबूकोनाझोल 625 मि.ली. प्रति हेक्टेयर अथवा टेबूकोनाझोल व सल्फर 1 लीटर प्रति हेक्टेयर मिलाकर छिड़काव करें। इसके अलावा हेक्झाकोनाझोल 500 मि.ली. प्रति हे. अथवा पायरोक्लोस्ट्रोबिन 500 ग्रा. प्रति हे. को 500 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें। देरी से पकने वाली सोयाबीन फसल पर चने की इल्ली, तम्बाखू का इल्ली एवं सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु पूर्व मिश्रित कीटनाषक थायोमिथाक्सम व लेम्बडा सायहेलोथ्रीन 125 मि.ली. प्रति हे. अथवा बीटासायफ्लूथ्रिन व इमिडाक्लोप्रीड 330 मि.ली. प्रति हेक्टेयर अथवा इन्डोक्साकार्ब 330 मि.ली. प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी के सांथ छिड़काव करें।

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