AAPKI JIMMEDARI

AAPKI JIMMEDARI

Wednesday 24 May 2017

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण अंतर्गत संस्थाओं का निरीक्षण

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण अंतर्गत संस्थाओं का निरीक्षण

खण्डवा 24 मई, 2017 - किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 के प्रावधानानुसार तथा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देशानुसार अधिनियम अंतर्गत संचालित समस्त संस्थाओं का निरीक्षण एवं जिला जेल में 18 वर्ष से कम उम्र का कोई बालक निवासरत/निरुद्ध तो नहीं है, सम्बन्धी निरीक्षण श्रीमति रेखा चंद्रवंशी, प्रधान मजिस्ट्रेट, किशोर न्याय बोर्ड, श्री ब्रजराज शर्मा, संरक्षण अधिकारी एवं परिवीक्षा अधिकारी, महिला सशक्तिकरण विभाग द्वारा किया गया। जेल में 18 वर्ष से कम उम्र का कोई विचाराधीन/ सजायाफ्ता बालक निरुद्ध नहीं पाया गया। किन्तु एक लगभग 05 वर्षीय देखरेख एवं संरक्षण का जरूरतमंद बच्चा जो माता के ना होने तथा पिता के जेल में होने तथा देखरेख करने वाला कोई न होने के कारण अपने पिता के साथ जेल में रह रहा है जिसके विषय में बाल संरक्षण अधिकारी श्री शर्मा द्वारा उसके पिता को अधिनियम अंतर्गत फोस्टर केयर (धात्र देखरेख योजना) के विषय में अवगत कराया जो कि ऐसे बालकों के लिए वैकल्पिक देखरेख सुविधा है, जिसमें किसी उपयुक्त परिवार का चयन कर बालक को पारिवारिक देखरेख, शिक्षण, चिकित्सा आदि सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती है तत्समय पिता द्वारा मौखिक सहमती प्रदान की गयी जिसका अभिलेखीकरण कर लाभ देने का प्रयास किया जावेगा। तत्पश्चात संस्था हिन्दू बाल सेवा सदन, नव जीवन चिल्ड्रेन होम आदि बालगृहों का भी निरीक्षण किया गया जिनमें व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गई तथा बच्चे खुश दिखाई दिए। बच्चों को अच्छे से पढ़ाई- लिखाई कर समाज का एक जिम्मेदार नागरिक बनने की सीख  न्यायाधीश श्रीमति चंद्रवंशी द्वारा दी गयी, साथ ही संस्था नवजीवन में लड़कों द्वारा कढ़ाई- बुनाई की कलाकृतियों को देखकर उनके कौशल की प्रशंसा की। निरीक्षण के समय न्यायालयीन लिपिक श्रीमती ममता कौरव एवं कोर्ट मुंशी श्री उपाध्याय भी उपस्थित रहे।

No comments:

Post a Comment