जैव विविधता पर कार्यषाला सम्पन्न
खण्डवा 22 मई, 2017 - विष्व जैव विविधता दिवस के अवसर पर सोमवार को जैव विविधता बोर्ड मध्यप्रदेष के सौजन्य से वनमंडल खण्डवा द्वारा स्थानीय मुख्य वनसंरक्षक कार्यालय सभागृह में कार्यषाला का आयोजन किया गया। जैव विविधता के महत्व एवं उसके सह-वनीय विदोहन से रोजगार की उपलब्धता तथा समाज के आर्थिक विकास में जैव विविधता की भूमिका ईको पर्यटन गतिविधियों पर विभिन्न वक्ताओं द्वारा उद्बोधन दिया गया। भारत देष जैव विविधता के क्षेत्र मंे महत्वपूर्ण स्थान रखता है जो लगभग 8 प्रतिषत ज्ञात प्रजातियों से सम्पन्न है। कन्या महाविद्यालय खण्डवा, एस.एन.कॉलेज खण्डवा, मोतीलाल नेहरू विधि विद्यालय से आये विद्यार्थियों द्वारा भारतीय एवं वैष्विक जैव विविधता की स्थिति पर जानकारी प्रस्तुत की गयी। मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. पी.पी. शास्त्री , डीन कृषि महाविद्यालय खण्डवा द्वारा पौराणिक आख्यानों में वर्णित एवं उपयोग किये गये, वैविध्य को रेखांकित करते हुए नवीन सरोकारो में संतुलन बनाये रखने पर जोर दिया गया। डॉ. पी.आर. कदम ने परम्परागत ज्ञान एवं विभिन्न जड़ी बूटियों के उपयोग की जानकारी की खोज एवं उनके पंजीकरण की आवष्यकता बताई। कार्यषाला मंे वनविभाग के सहयोग से नर्मदा जल तंत्र की जैव विविधता को बनाये रखने के संदर्भ में महाषीर प्रजाति की मछली पर किये जा रहे अनुसंधान के मुख्य बिन्दुओं को प्रस्तुत किया गया। राष्ट्रीय जैव विविधता बोर्ड एवं जैव विविधता अधिनियम एवं नियम के संबंध में जानकारी देते हुए, विभिन्न निकाय स्तर पर जैव विविधता समितियों गठन तथा जैव विविधत पंजी संधारण की आवष्यकता एवं महत्व की चर्चा की गई। मुख्य अतिथि श्री आर.डी.महला, मुख्य वनसंरक्षक खण्डवा वृत्त द्वारा समाजपयोगी नवीन आविष्कारो एवं जैव तकनीकि से खाद्यान्न उत्पादन के परिणामों को रेखांकित करते हुए, जैव विविधता को सतत् सह-वनीय बनाये रखने का आव्हान किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों की अधिकारी, स्वयं सेवी संगठन प्रतिनिधि, समिति सदस्य उपस्थित रहे।
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