AAPKI JIMMEDARI

AAPKI JIMMEDARI

Tuesday 16 May 2017

16 मई 2017 को विष्व डेंगू दिवस

16 मई 2017 को विष्व डेंगू दिवस 
बचाव हेतु आवष्यक सावधानियॉं

खण्डवा 15 मई, 2017 - दिनांक 16 मई 2017 को विष्व डेंगू दिवस के अंतर्गत जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग व्दारा अपील की गई है कि डेंगू की रोकथाम ही सर्वोत्तम इलाज है, इसके लक्षण व बचाव के उपाय संबंधी जानकारी दी गई। 
डेंगू क्या है - डेंगू एक वायरल डिसीस यह वायरस एडिज एजेप्टी मच्छर द्वारा रोग उत्पन्न करता है। इसे डेन वायरस कहते है जो चार प्रकार का होता है। संबंधित मच्छर मुख्यतः दिन में काटता है।
डेंगू के प्रकार - यह मुख्यतः दो प्रकार का होता है। डेंगू बुखार (डी.एफ.) डेंगू , हेमरेजिक बुखार (डी.एच.एफ.) दोनो में से हेमरेजिक बुखार अधिक हानिकारक होता है।
डेंगू के लक्षण - तेज बुखार, मांसपेषियों एवं जोडो में दर्द, सर दर्द, ऑखो के पीछे दर्द, जी मिचलाना, उल्टी दस्त, त्वचा पर लाल रंग के दाने आदि।
रोगी पर प्रभाव - रोगी की गंभीर होने पर प्लेटलेट् की संख्या तेजी कम होती तथा नाक, कान व ऑख मसूडों से रक्तस्त्राव ष्षुरू हो जाता है रक्त चाप कम हो जाता है तथा यदि सही समय पर उचित चिकित्सा न मिले तो रोगी कोमा मंे चला जाता है।
डेंगू से सुरक्षा- चूॅकि एडिज मच्छर साफ व स्थिर पानी मे जनन करते है, अतः घर के आस-पास व घर के अन्दर संग्रहित जल न होने दे, यदि घर के अन्दर जल को संग्रहित करके रखना है तो उसे ढक कर रखना चाहिये, अगर जल की आवष्यकता न हो तो बर्तनो को खाली व उल्टा कर रखे। कुलर, गमले आदि का पानी रोज बदले। दिन में व रात को सोते समय मच्छरदानी लगाकर सोये। यदि घर के आस-पास गढ्ढे या बन्द नालीयां जिसमें पानी एकत्रित हो गया है उसमे जला हुआ तेल या मिटटी का तेल डाल सकते है। सुबह व षाम को नीम की सुखी पत्तीयां व कपूर का धुआ किया जा सकता है।
डेंगू का उपचार- किसी व्यक्ति को डेंगू होने पर उसे बहुत अधिक मात्रा में विटामिन सी युक्त पदार्थ अपने भोजन मे सम्मिलित करना चाहिये, ताकि षरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे। डॉक्टर की सलाह अनुसार पैरासीटामाल गोली, आहार व पानी लेना चाहिये।
डेंगू के उपचार दौरान विषेष सावधानी - एसप्रीन व ब्रुफेन की गोली नही लेना चाहिये।

No comments:

Post a Comment