AAPKI JIMMEDARI

AAPKI JIMMEDARI

Monday 9 March 2015

चाईल्ड लाईन खण्डवा को बर्खास्त करने की कार्यवाही करने के कलेक्टर श्री अग्रवाल ने दिए निर्देष

चाईल्ड लाईन खण्डवा को बर्खास्त करने की कार्यवाही करने के कलेक्टर श्री अग्रवाल ने दिए निर्देष
राजस्थान और उत्तर प्रदेष के दो बच्चों को माता-पिता को सुपूर्द न करने पर दिए आदेष
मॉ-बाप से बच्चों को मिलाने में लेटलतीफी नई होगी बर्दाष्त - कलेक्टर श्री अग्रवाल
मॉ - बाप से बढ़कर कोई शुभ चिंतक नहीं हो सकता
अपने बच्चों से मिलते ही खुषी से ऑंखे हुई नम




खण्डवा (09मार्च,2015) - सोमवार को कलेक्टर श्री महेष अग्रवाल के समक्ष उत्तर प्रदेष के जिले बदायूॅं ग्राम राहडि़या से आए धनीराम और राजस्थान के जिला नागोर ग्राम गोटन से आए शाकिर ने अपने - अपने बच्चों को चाईल्ड लाईन से उन्हंे सुपुर्द कराने की गुहार लगाई। जिस पर मामले की गंभीरता को समझते हुए कलेक्टर श्री महेष अग्रवाल ने तत्काल बाल कल्याण समिति के सदस्यों चाईल्ड लाईन के संचालक , जिला महिला सषक्तिकरण अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग को अपने कार्यालय में तलब किया। उल्लेखनीय है कि सम्पूर्ण प्रकरण में राजस्थान के ग्राम गोटन निवासी शाकिर  पिता अब्दुल का बेटा रिजवान और उत्तर प्रदेष के ग्राम राहडि़या निवासी धनीराम पिता प्रेमलाल का बेटा रामसेवक गुस्सा होकर घर छोड़कर चले गये थे। जिन्हें की खण्डवा में पाया गया और उन्हें चाईल्ड लाईन की अभिरक्षा में रखा गया था। 
जिस पर चाईल्ड लाईन द्वारा उनके माता-पिता की जानकारी प्राप्त कर उन्हें अपने बच्चों को ले जाने के लिए खण्डवा बुलाया गया था। जिस पर दोनांे ही बच्चों के परिजनों ने कलेक्टर श्री अग्रवाल के समक्ष अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि बच्चों की जानकारी प्राप्त होते ही वह 6 मार्च को खण्डवा पहॅुंच गये थे। जिसके बाद उन्होंने लगातार अपने बच्चों को उन्हें सौंपने  की अपील चाईल्ड लाईन के अधिकारियों और कर्मचारियों से की। उन्हें फोन लगाए लेकिन उन्हें आज-तक उनके बच्चें नहीं सौंपे गए। 
जिस पर सम्पूर्ण प्रकरण को सुनने के बाद कलेक्टर श्री अग्रवाल ने चाईल्ड लाईन प्रबंधन को मानवीय दृष्टि कोण न अपनाते हुए बच्चों को अब तक माता पिता के हवाले न करने पर जमकर फटकार लगाई। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि मॉं-बाप के पहॅुंच जाने के बाद उनके बच्चों को उनके हवाले करने में लेटलतीफी बर्दाष्त योग्य नहीं है। आपको पता है कि हम बच्चों को स्थाई रूप से नहीं रख सकते तो तत्काल बच्चों की काउसिलिंग करके उन्हें उनके माता - पिता को सौंप देना चाहिए। आप लोगों की उदासीनता के कारण इतनी दूर से आए माता - पिता आज दिनांक तक परेषान हो रहे है। यह लापरवाही पूर्ण कार्य प्रणाली गलत है। इतना ही नहीं लापरवाही पूर्ण कार्य करने एवं उदासीनता बरतने पर कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग को दोनों ही बच्चों के माता - पिता के बयान लेकर वर्तमान चाईल्ड लाईन प्रबंधन को बर्खास्त कराने की कार्यवाही शुरू करने के निर्देष दिए। साथ ही उन्होंने डीपीओ राजेष गुप्ता को आदेष देते हुए कहा कि आप बाल कल्याण समिति की सम्पूर्ण प्रक्रिया का अध्ययन कर ऐसी व्यवस्था प्रारंभ कराना सुनिष्चित करें जिसमें बच्चों के मॉ - बाप मिल जाने पर उन्हें निर्धारित घंटो में बाल कल्याण समिति की सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण कर उनके सुपुर्द किया जा सके। 
मॉ - बाप से बढ़कर कोई शुभ चिंतक नहीं हो सकता - इतना ही नहीं सम्पूर्ण प्रकरण के प्रकाष में आने पर कलेक्टर श्री अग्रवाल ने चाईल्ड लाईन प्रबंधन एवं बाल कल्याण समिति के सदस्यों को धैर्य एवं महत्वता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाने के निर्देष दिए। उन्होंने आदेष देते हुए कहा कि ऐसे प्रकरणों में मानवीय दृष्टि कोण को ध्यान में रखते हुए तत्कालिक रूप से भी बेंच की बैठक बुलाकर निर्णय लिये जायें। इतना ही नहीं बाल गृह और आश्रम गृह मंे रहने वाले बच्चों का पुरा ध्यान रखे। इतना ही नहीं ऐसा सिस्टम डेवलप करें कि मॉं - बाप के आने के बाद दो घंटो में सम्पूर्ण प्रक्रिया कर उन्हें उनके बच्चें सौंपे जा सके। क्यों कि बच्चों का मॉं - बाप से बढ़कर कोई शुभ चिंतक हितेषी नहीं हो सकता। 
अपने बच्चों से मिलते ही खुषी से ऑंखे हुई नम - इतना ही नहीं कलेक्टर श्री महेष अग्रवाल ने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग और महिला सषक्तिकरण एवं बाल संरक्षण अधिकारी को कलेक्ट्रेट कार्यालय में बुलाकर ही उन्हें उनके माता - पिता के हवाले करने के निर्देष दिए। जिस पर चाईल्ड लाईन से रिजवान और रामसेवक दोनों को बुलाया गया और उन्हें उनके माता - पिता को सौंपा गया। लम्बे समय से बिछड़े अपने बच्चों से मिलते ही उनके परिजनों की ऑंखे खुषी से नम हो गई। जिसके बाद उन्होंने कलेक्टर श्री अग्रवाल द्वारा तत्परता से की गई इस कार्यवाही की प्रषंसा भी की। 
क्रमांक/27/2015/323/वर्मा

No comments:

Post a Comment