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Monday 30 March 2015

एक दिवसीय कृषक व महिलाओं का प्रषिक्षण सम्पन्न

एक दिवसीय कृषक व महिलाओं का प्रषिक्षण सम्पन्न

खण्डवा (30मार्च,2015) - कृषि विज्ञान केन्द्र, खण्डवा के तत्वावधान में सोयाबीन अनुसंधान निदेशालय, इन्दौर द्वारा सोयाबीन की उन्नत उत्पादन तकनीक एवं पोषण सुरक्षा हेतु खाद्य उपयोग विषय पर एक दिवसीय कृृषक व महिलाओं का प्रषिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के साथ ही आगा खॉं रूरल सपोर्ट प्रोग्राम एन.जी.ओ. द्वारा खाद्य सुरक्षा अभियान अन्तर्गत कृृषक प्रषिक्षण रखा गया।  इस कार्यक्रम में सोयाबीन अनुसंधान निदेशालय, इन्दौर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस. डी. बिल्लौरे, डॉ. ए. एन.ष्षर्मा एवं डॉ.बी. यू. दुपारे,  कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. डी. के. वाणी एवं डॉ. एम. के.गुप्ताश्तथा आगा खॅां रूरल सपोर्ट प्रोग्राम के संदीप बघेल, संदीप विष्वकर्मा, भास्कर मित्रा ने उदबोधन दिये। इस कार्यक्रम में आदिवासी विकास खण्ड खालवा के आषापुर, कुम्हारखेड़ा, डाभिया, चारखेडी, मैदारानी, लखनपुरबंदी, जामधड़, उदियापुर, खोरदा मौजवाड़ी, संदलपुर आदि गॉंवो के 329 कृृषक एवं महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।  
  कार्यक्रम को षुरू करते हुए सोयाबीन अनुसंधान निदेशालय, इन्दौर के वैज्ञानिक डॉ. एस. डी. बिल्लौरे ने सोयाबीन की उत्पादन तकनीक बतलाते हुए उन्नत बीजों की जानकारी दी। उन्होंने खरपतवारनाषियों के बारे में तथा बीज उत्पादन लेने की विषेष सॉवधानियों के बारे में विस्तार से समझाया।  डॉ. ए. एन.ष्षर्मा ने सोयाबीन फसल को कीट-रोग से सुरक्षा एवं बचाव के उपाय पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने जैविक कीटनाषकों को स्वयं तैयार करने एवं प्रयोग करने की विधि को विस्तार से बतलाया। डॉ. बी. यू. दुपारे ने सोयाबीन को पोषण सुरक्षा हेतु उपयोग करने पर बल देते हुए विभिन्न उत्पाद तैयार करने की घरेलू विधियों को विस्तार से समझाया। उन्होंने सोयाबीन से नमकीन तैयार करना, आटा बनाना, दूध तैयार करना, दही बनाना, पनीर बनाने की विधियों का वर्णन किया। महिलाओं की मॉंग पर डॉ. दुपारे ने सोयाबीन से गुलाब जामुन एवं चाय बनाने की विधि भी बतलाई। 
 कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. एम.के.गुप्ता ने गेंहॅू कटाई के बाद नरवाई नहीं जलाने के महत्व पर प्रकाष डालते हुए जैविक खेती की पैरवी की। उन्होंने अधिक उत्पादन हेतु नुस्खे भी बतलाये। डॉ. डी.के.वाणी ने गर्मी की गहरी जुताई का महत्व समझाते हुए इसे वर्षा जल संरक्षण हेतु जरूरी बतलाया। उन्होंने खाद्यान्न व बीजो के भण्डारण व कीटो से सुरक्षा आदि की जानकारी देते हुए भण्डारण में नमी की अधिकता से होने वाले नुकसान को बतलाया।  
 अन्त में आगा खॉं रूरल सपोर्ट प्रोग्राम के संदीप बघेल ने गेहॅू कटाई के महत्वपूर्ण समय में किसानो के सीखने के उत्साह को नमन करते हुए सभी अतिथियों का आभार माना।
क्रमांक/114/2015/412/काषिव

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